एक बीघा से 70 हजार रु कमाना है? तो झालर विधि से करें इस सब्जी की खेती, बाजार में धड़ाधड़ होगी बिक्री, कीमत मिलेगी सबसे ज्यादा

अगर किसान छोटी जमीन से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो चलिए बेल वाली सब्जी की खेती का सही तरीका बताते हैं जिससे पहले से ज्यादा आमदनी होगी-

सब्जियों की खेती में मुनाफा

हरी सब्जियों की खेती में किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। जिसमें अगर किसान की फसल के गुणवत्ता अच्छी होती है तो कीमत अधिक मिलती है। जैसे की लौकी एक ऐसी सब्जी है, जिनकी डिमांड हमेशा रहती है, सेहत के लिए फायदेमंद होती है, इसलिए अच्छी कीमत भी मिल जाती है। लेकिन लौकी की खेती का सही तरीका अपनानें पर ही किसानों को बढ़िया गुणवत्ता वाली लौकी मिलती है, उत्पादन अच्छा मिलता है, रोग बीमारी नहीं लगती है। फल में कीड़े नहीं लगते हैं, और दाग भी नहीं लगता है, तो चलिए जानते हैं वह कौन सा तरीका है जिससे साफ सुथरी लौकी की फसल मिलेगी।

लौकी की खेती का गजब का तरीका

लौकी की फसल बेल वर्गीय फसलों में आती है, जिसे सपोर्ट की जरूरत होती है। इसलिए किसान झालर विधि से अगर लौकी की खेती करते हैं, तो फसल की गुणवत्ता बढ़ जाती है, इसके अलावा खरपतवार की समस्या भी कम होती है। खरपतवार निकालने में आसानी होती है, छिड़काव करने में भी आसानी होती है, फसल को भरपूर पोषण मिलता है, और रोग कीट से फसल बची रहती है।

जिससे सब्जियों के दाम अधिक मिलते हैं। अगर किसान सामान्य तरीके से खेती करते है, बेल को सपोर्ट नहीं देते हैं, बेल को खेत में छोड़ देते हैं तो इससे फलों में दाग लग जाते हैं, कीड़े लग जाते हैं, सड़न की समस्या बढ़ जाती है, तो चलिए आपको बताते हैं झालर विधिसे कैसे खेती की जाती है।

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झालर विधि से लौकी कैसे लगाते हैं

कई किसान झालर विधि से लौकी की खेती करते हैं। इसमें लौकी की खेती करने के लिए बांस की लकड़ी, धागा की जरूरत पड़ती है। जिसमें खेतों में एक कतार से बांस की लकड़ियां लगाई जाती है और फिर उनमें रस्सियां बांधी जाती है। जैसे-जैसे लौकी की बेल बड़ी होती है, उन रस्सियों के द्वारा ऊपर चली जाती है। किसान यहां पर मंडप जैसा भी बना सकते हैं। जिसमें लौकी की बेल ऊपर रहेगी और पर झूलते हुए बाद में दिखाई देगी।

इस तरह से फल जमीन पर नहीं रहते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता बढ़ जाती है। इससे तुड़ाई करने में भी आसानी होती है। बांस-रस्सी में खर्च तो बढ़ जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल एक और दो सीजन में कर सकते हैं। इसके अलावा इससे उत्पादन बढ़ता है और कीमत अधिक मिलती है जिससे किसानों को इस विधि से खेती में मुनाफा होता है।

लागत और मुनाफा के बारे में जानें

किसान झालर विधि से लौकी की खेती करते हैं तो एक बीघा में लगभग 10 से 15000 रुपए की लागत आ जाती है। वही आमदनी 60 से 70000 रुपए तक हो जाती है। जिससे किसान को इस खेती में फायदा नजर आता है। अगर किसान के पास बांस की लक्सियाँ उपलब्ध है तो कम खर्चे में इस खेती को कर सकते हैं।

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