धान की फसल नहीं लगा रहे हैं तो सरकार की इस योजना का फायदा उठा सकते हैं, जिसमें प्रति एकड़ ₹8000 की आर्थिक सहायता मिलती है-
धान नहीं लगाने पर मिलेगा पैसा
धान की खेती नहीं करने पर सरकार से पैसा मिलेगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि धान की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है, और इससे किसानों को अधिक पानी मजबूरन इस्तेमाल करना ही पड़ता है। लेकिन इससे भूजलस्तर गिर जाता है। जिससे आने वाले समय में पानी की समस्या किसानों को देखने को मिल सकती है।
इसीलिए राज्य सरकार चाहती है कि किसान धान के बजाय दूसरी फसले लगाएं जिनमें धान के मुकाबले कम पानी की जरूरत पड़ती है, और इसलिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ₹8000 प्रति एकड़ राशि दे रही है, तो चलिए आपको बताते हैं कि यह योजना क्या है, जिसमें पानी बचाने के लिए फसल विविधीकरण पर फोकस करने का सरकार का लक्ष्य है।
धान के अलावा यह फसले लगा सकते हैं किसान
यह हरियाणा राज्य सरकार की योजना है। जिसमें कृषि और किसान कल्याण विभाग ने खरीफ सीजन 2025 के लिए यह फैसला लिया है कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत 1 लाख एकड़ जमीन में दूसरी फसले लगाई जाएगी। जिसमें जिले वार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यहां पर किसान धान के बजाय मक्का, सब्जी, कपास, चारा के अलावा अन्य दलहन और तिलहन फसले या फिर फलों की खेती कर सकते हैं। जिसमें धान के मुकाबले कम पानी की जरूरत पड़ती है।
किन किसानों को मिलेगा फायदा
इस योजना का फायदा किन किसानों को मिलेगा इसके लिए भी पात्रता निर्धारित की गई है तो चलिए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानते हैं-
- वह किसान जिन्होंने पिछले साल धान की खेती की थी लेकिन इस साल धान के बजाय दूसरी फसल लगाने जा रहे हैं।
- वह किसान जिन्होंने पिछले साल अपना खेत खाली छोड़ दिया था, धान की खेती नहीं की थी, तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- वहीं जिन किसानों ने बीते वर्ष खरीफ मौसम में मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण करने का फैसला लिया था, वैकल्पिक फसलों की खेती की थी, और आज भी कर रहे हैं तो उन्हें भी इस योजना का फायदा मिल जाएगा।