अगर खेत में 14 दिन तक पानी भरा रहता है तो चलिए एक ऐसी वैरायटी के बारे में बताते हैं जो ऐसी स्थिति में भी अच्छा उत्पादन देगी, लगभग एक हेक्टर से 50 क्विंटल तक-
बाढ़ से किसान परेशान
धान की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन जब लंबे समय तक पानी रुका रहता है, तो फसल खराब हो सकती हैं। लेकिन किसानों की चिंता को दूर करते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने धान की एक नई उन्नत किस्म विकसित किया है, जिससे प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। खेत में अगर 14 दिन तक भी पानी भरा रहेगा तो भी फसल अच्छी होगी।
खेत में भरा रहता है पानी तो यह किस्म लगाएं
खेत में लंबे समय तक पानी भरा रहता है तो इसके लिए सबौर साम्भा धान की वैरायटी लगा सकते हैं। इसको विकसित करने का श्रेय बिहार कृषि विश्वविद्यालय को जाता है। जिन्होंने नए बीज का शोध करके किसानों को दिया है। क्योंकि बिहार में कुछ इलाकों में पानी की अधिकता होने के कारण धान के किसानों को नुकसान हो जाता है।
वह बताते हैं कि धान की सबौर साम्भा वैरायटी एक हेक्टेयर से 50 क्विंटल उत्पादन सामान्य स्थिति में देती है। लेकिन जल जमाव हो जाने पर 30 क्विंटल प्रति हेक्टर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, इस वैरायटी के दाने माध्यम आकार के होते हैं। इसका चावल स्वाद में भी अच्छा होता है।
इस वैरायटी के तैयार होने का समय
धान की सबौर साम्भा वैरायटी लगभग 130-140 दिन में तैयार हो जाती है। यह विभिन्न प्रकार के रोगों और कीटों के प्रति सहनशील भी है। जिससे किसानों की लागत कम होगी। इस धान की खेती अगर सही विधि सही तरीके से की जाए, जमीन भी उपजाऊ हो तो 70 से लेकर 105 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन इसकी औसत उपज 50 क्विंटल तक मानी जाती है।
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