गाय-भैंस का दूध बढ़ाना चाहते हैं तो चलिए आपको एक देसी पाउडर के बारे में बताते हैं, जिसे रसोई में रखी पांच चीजों से बनाया जा सकता है-
गाय-भैंस का दूध बढ़ाने के लिए उपाय
दुधारू पशुओं का पालन करके अच्छी आमदनी की जा सकती है। जिसमें अधिकतर लोग गाय या फिर भैंस का पालन करते हैं, यह बड़े जानवर होते हैं, लेकिन उनके पालन में अच्छी आमदनी हो सकती है। दूध, घी, दही जैसे उत्पाद की बाजार में अच्छी डिमांड रहती है, और कीमत भी मिलती है। जिसमें यहां पर आपको पशुओं का दूध लगभग 25 से 30% बढ़ाने के लिए एक उपाय बताया जा रहा है, जो एक सप्ताह में ही रिजल्ट देगा और सबसे अच्छी बात इसमें यह है कि इसमें किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है इसे घर पर तैयार कर सकते हैं।
इन चीजों से बनायें पशुओं के लिए शक्तिशाली पाउडर
पशु के लिए जिस देशी पाउडर को यहां पर हम बनाने जा रहे हैं, उसे पशुओं को कई तरह के फायदे होंगे। जैसे कि उनके पाचन में सुधार होगा और इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिससे पशुओं को अंदर से मजबूती मिलती है, रोग बीमारी कम होती है, वह जो भी खाते हैं उससे उन्हें पोषण मिलता है, दूध उत्पादन में वृद्धि होती है, इस देसी पाउडर को बनाने के लिए पांच चीजों की जरूरत होगी, जो की रसोई में ही उपलब्ध है।
जिसमें मेथी दाना, सौंफ, अजवाइन, हल्दी पाउडर और हींग का इस्तेमाल किया जाता है, तो चलिए जानते हैं कितनी मात्रा में लेना है और कैसे बनाना है, पशुओं को कैसे देना है।
कैसे बनाना है और किस तरीके से पशुओं को देना है
इस पाउडर को बनाने के लिए सबसे पहले मेथी दाना, अजवाइन और सौंफ को अच्छे से पीसना है। मात्रा की बात करें तो 100 ग्राम मेथी में 50-50 ग्राम अजवाइन और सौंफ को मिलाना है। इन तीनों चीजों को पीसने के बाद इसमें 20 ग्राम हल्दी पाउडर मिला सकते हैं और 5 ग्राम हींग और फिर एक डिब्बे में भरकर इसे रख सकते हैं, पशुओं को देने के लिए।
आप जब उन्हें चारा देते हैं तो उसमें 25 ग्राम मिलाकर प्रतिदिन दो एक गाय या भैंस को दे सकते हैं। शुरुआत में आप मात्रा थोड़ी कम कर सकते हैं। धीरे-धीरे 25 ग्राम तक ला सकते हैं। इसे आपको दिन में दो बार देना है, 25-25 ग्राम कर करके। बताया जाता है कि एक सप्ताह तक ही इस पाउडर को खिलाने से असर दिखाई पड़ता है।
जिसमें 25 से 30% दुधारू पशुओं के दूध में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। इससे पशुओं में पेट फूलने की समस्या से भी छुटकारा मिलता है, और यह एक घरेलू उपचार है। जिससे किसी तरह का कोई दुष्परिणाम भी नहीं होता है। इसमें खर्चा भी कम होता है।

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