एक पेड़ 1500 संतरे से लद जाएगा, मोबाइल से जाने पेड़ में खाद पानी की कितनी है जरूरत, जानिए किसान गौरव की वैज्ञानिक खेती का राज

On: Friday, June 13, 2025 3:00 PM
महाVISTAAR-AI और सोलर पावर्ड सेंसर

फलों की खेती करते हैं तो चलिए आपको बताते हैं कैसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके पैदावार को बढ़ाएं, जैसे किसान गौरव संतरे की पैदावार बढ़ा रहे हैं-

संतरे की खेती में पैदावार बढ़ी

फलों की खेती में किसानों को मुनाफा है, कम मेहनत, कम जमीन से ज्यादा कमाई कर लेते हैं। फल सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। जिसमें संतरे का फल बहुत ही ज्यादा मांग में रहता है। आपको बता दे कि किसान गौरव जो की महाराष्ट्र के रहने वाले हैं वह संतरे की खेती करते हैं और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके पैदावार को बढ़ा लिया है।

दरअसल,, वह स्मार्ट सिस्टम बगीचे में लगाकर खेती करते हैं। यहां पर आपको बताएंगे कि वह कौन सी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसमें खर्चा कितना है, और उससे फायदा क्या हुआ। जिससे उनके एक पेड़ से 1000 से लेकर 1500 संतरे मिल रहा है। जिससे किसान को अच्छा मुनाफा हो रहा है।

कौन सी है टेक्नोलॉजी और क्या है इसके फायदे

खेती को आसान बनाने तथा अधिक आमदनी वाली बनाने के लिए कई तरह के कृषि यंत्र और तरीके आ गए हैं। जिससे किसान कम मेहनत, कम समय में, अच्छा उत्पादन प्राप्त कर पा रहे हैं। जिसमें किसान महाVISTAAR-AI और सोलर पावर्ड सेंसर का इस्तेमाल करते हैं। जिससे पता चल जाता है कि उनके बगीचे में पौधों को किन पोषक तत्व की जरूरत है, नमी कितनी चाहिए, तापमान कैसा मिल रहा है, कितने की आवश्यकता है, यह सब चीज। जिससे उनका फायदा यह है कि पहले से 50% कम पानी देते हैं और उत्पादन अधिक मिलता है। कीटनाशक का भी इस्तेमाल सही तरीके से कर पा रहे हैं।

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वह बताते हैं कि हर दिन 15 मिनट का समय सुबह-सुबह वह अपने बगीचे को देते हैं और मोबाइल के जरिए जान जाते हैं कि उनके बगीचे में कितनी खाद, पानी या कीटनाशक की जरूरत है। उस हिसाब से पौधों को वह चीज देते हैं। जिससे पौधों की जरूरत पूरी होती है और किसान को अच्छा उत्पादन मिलता है।

कितनी आई लागत

अगर अन्य किस भी फलों की खेती करते हैं और नुकसान से बचना चाहते हैं इस तरह के सिस्टम को अपनाना चाहते हैं तो आपको बता दे कि बुरा सिस्टम उन्होंने करीब ₹60000 में बिताया हुआ है लेकिन अब उन्हें कई चीज पहले से कम डालने पड़ती है उत्पादन अधिक मिलता है जिसे कहीं ना कहीं उन्हें इस सिस्टम से फायदा है और अधिक आमदनी हो रही है।

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