खेत में जरूरत के हिसाब से पानी का होगा इस्तेमाल। सरकार फव्वारा सिस्टम पर दे रही है 75% सब्सिडी। कम पानी में होगी ज्यादा पैदावार वाली खेती।
फव्वारा सिस्टम के फायदे
अगर किसान खेत में फव्वारा सिस्टम लगाते हैं तो कई फायदे होंगे जैसे 50% पानी की बचत होगी और फसल को सही तरीके से पानी मिलेगा। उत्पादन ज्यादा होगा। सिंचाई की मेहनत कम होगी। समय पर सिंचाई हो सकेगी। इसीलिए सरकार किसानों को स्प्रिंकलर प्लांट पर सब्सिडी दे रही है ताकि कम लागत में खेत में स्प्रिंकलर सिस्टम लगाया जा सके। कम पानी में बेहतर खेती की जा सके। आइए आपको बताते हैं फव्वारा संयंत्र सब्सिडी योजना क्या है।
फव्वारा संयंत्र सब्सिडी योजना
हम किसानों को केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों की योजनाओं के बारे में जानकारी देते रहते हैं, जिसमें आज राजस्थान राज्य सरकार की बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में किसानों को आधुनिक सिंचाई प्रणाली से जोड़ने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए स्प्रिंकलर प्लांट पर अनुदान दिए जा रहे हैं। इसके लिए 75% तक सब्सिडी दी जा रही है, जिसके लिए फव्वारा संयंत्र सब्सिडी योजना चलाई जा रही है।

फव्वारा प्लांट सब्सिडी योजना के तहत राज्य के सभी वर्ग के किसानों को सब्सिडी मिलेगी, जिसमें सामान्य किसानों को 70%, लघु, सीमांत, महिलाओं और अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को 75% सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के तहत किसान 5 हेक्टेयर तक की जमीन के लिए सब्सिडी पा सकते हैं। किसान राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए और उसके पास कम से कम दो हेक्टेयर सिंचित जमीन होनी चाहिए, तभी योजना का लाभ मिल सकेगा।
जरूरी दस्तावेज
अगर किसान फव्वारा संयंत्र सब्सिडी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा, सबसे पहले उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इन सभी चीजों के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी जैसे कि आधार कार्ड, या जन आधार कार्ड, सिंचाई स्रोत का प्रमाण पत्र, जमाबंदी जो 6 महीने से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए, और फव्वारा प्लांट सप्लायर का कोटेशन आदि।
आवेदन कैसे करना है
खेत में सयंत्र लगाने के बाद, दस्तावेज तैयार करके राज किसान पोर्टल https://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें, फिर पोर्टल पर लॉगिन करके आवेदन करें। किसानों को कृषि विभाग में इसकी जानकारी मिल जाएगी, जिसमें सबसे पहले खेत में फव्वारा सिस्टम किसानों को लगाना है, फिर आवेदन करें। बिल 1 साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए। अगर किसान इच्छुक हैं तो सबसे पहले राजस्थान राज्य किसान पोर्टल पर जाकर इसके बारे में विस्तृत जानकारी लें। कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें और फिर आवेदन करें।

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