खरीफ फसलों की खेती करने जा रहे हैं तो आइए आपको राज्य सरकार की शानदार योजना के बारे में जानकारी देते हैं, जिसके जरिए खेती में खर्चा सिर्फ 10% करना होगा।
सब्जी और मसाला की खेती के लिए सब्सिडी
सब्जी और मसाला खेती में किसानों को फायदा होता है, इसीलिए राज्य सरकार इसकी खेती के लिए किसानों को सब्सिडी भी दे रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान कम लागत में इसकी खेती कर सकें और खेती से होने वाली आय को बढ़ा सकें। किसानों के पास जमीन अधिक हो तो पारंपरिक फसलों के साथ-साथ इन फसलों को भी बोया जा सकता है और किसानों को कम खर्च करना पड़ता है, जिसमें आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में मसाला और सब्जी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, सरकार 75 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग
सरकार उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संकर शाकभाजी मसाला एवं फूलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है, जिसमें खरीफ सीजन में सब्जियां, मसाले, फूल आदि उगाए जाते हैं। कम लागत में खेती की जा सकती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पहले ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा और फिर ऑफलाइन दस्तावेज जमा कराने होंगे।
इससे किसानों को उन्नत किस्म के बीज कम खर्चे में मिलेंगे। यह योजना अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के लिए है। अगर किसान उद्यान विभाग में बीज की रसीद जमा करा देते हैं, तो किसानों को सरकार की ओर से कीमत का 90 फीसदी हिस्सा मिलेगा। यह रकम सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है, डीबीटी के जरिए।

किसानों को न सिर्फ बीज की कीमत मिलेगी, बल्कि करेट्स भी मिलेगा। फिरोजाबाद के साथ मऊ जिले में भी किसानों को सब्सिडी मिल रही है। अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, तो इस योजना के बारे में अपने कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। आइए जानते हैं आवेदन के बारे में।
आवेदन कैसे करें
संकर शाकभाजी, सब्जी, मसाला और फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को DBT.UP horticulture.in की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा, यहाँ पंजीकरण कराएं और फिर एक सप्ताह के अंदर उद्यान विभाग में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज जमा करने होंगे।
योजना के तहत किसान लौकी, तोरई, कद्दू, करेला, भिंडी, मिर्च, शिमला मिर्च आदि सब्जियां उगाने के लिए बीज प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी योजनाएं मौसम के हिसाब से आती हैं। खरीफ सीजन की खेती करने वाले किसान अभी आवेदन कर सकते हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द लाभ मिल सके।