किसानों के साथ-साथ सरकार खेतिहर मजदूरों को भी आर्थिक मदद देती है, तो आपको बता दें कि किसानों को 30 कृषि उपकरणों पर सब्सिडी के तौर पर ₹5000 की आर्थिक मदद मिलेगी-
खेतिहर मजदूरों को सब्सिडी
किसानों के लिए सरकार की ऐसी कई सब्सिडी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन आज हम बात कर रहे हैं भूमिहीन, खेतिहर मजदूरों की, यानी जिनके पास खेती योग्य जमीन नहीं है, कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनके पास जमीन नहीं है लेकिन वे दूसरे किसानों के खेतों में खेती करते हैं या अन्य किसानों की खेती में मदद करते हैं, तो ऐसे खेतिहर मजदूर अब सरकार से सब्सिडी पर कई तरह के कृषि उपकरण खरीद सकते हैं, जिससे उनका काम आसान और तेज होगा, साथ ही वे इसे किराए पर देकर कमाई भी कर सकेंगे।
इन 30 कृषि उपकरणों सब्सिडी
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार आप उन 30 कृषि उपकरणों के नाम जान सकते हैं जिन पर सब्सिडी दी जा रही है-
- स्टबल कटर (फसल के अवशेषों को काटने छोटे टुकड़ों में करने की मशीन)
- हैंड कल्टीवेटर (मिट्टी को ढीला करने, निराई करने के लिए)
- ड्रम सीडर (अंकुरित चावल की सीधी बुवाई)
- वी शेप हैवी रेक कम बंड मेकर
- हैंडल के साथ 12 टूथ रेक
- हैंडल के साथ एडवांस हैंड

- ट्यूबलर मेज़ शेलर
- खुरपी (3 इंच)
- एडवांस्ड सीरेटेड सिकल
- प्रेशर बॉटल स्प्रेयर (2 लीटर)
- बुश कटिंग शियर्स
- ग्रास मोवर
- ड्रिब्लर

- ट्विन व्हील हो
- ग्राउंड नट डेकोर्टिकेटर (सिटिंग टाइप)
- ग्राउंड नट स्ट्रिपर
- कॉटन स्टाल पुलर
- गन्ने स्ट्रिपर
- फ्रूट हार्वेस्टर
- व्हील बैरो
- न्यू डिब्लर
- रोटरी डिब्लर
- इंट्रा रो वीडर विद ईटर
- ग्रास वीड स्लाइसर
- मैनुअल नैप्सैक स्प्रेयर (8 लीटर और 16 लीटर)
- कॉटन प्लकर (बैटरी संचालित)
- ग्रास कटिंग मशीन
- रोटरी मेज सेलर
- सौर संचालित नैपसेक स्प्रेयर
- कोनो वाइन्डर आदि।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ
कीमत के आधार पर कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें किसान कृषि उपकरण खरीदने पर ₹5000 तक का अनुदान पा सकते हैं। इस योजना के तहत हर ग्राम पंचायत स्तर पर सब्सिडी दी जाएगी। यह राजस्थान की योजना है जिसमें भूमिहीन किसानों और मजदूरों को लाभ दिया जा रहा है। पंचायत स्तर पर एक कमेटी बनाई जाएगी और उसमें लोग बैठकर लाभार्थियों की सूची बनाएंगे, फिर उन्हें राज्य के किसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा।
आवेदन करने के लिए उनके पास आधार कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल और मोबाइल नंबर होना चाहिए, साथ ही ये दोनों चीजें जन आधार कार्ड से लिंक होनी चाहिए। इस तरह सरकार छोटे किसानों को छोटे कृषि उपकरणों पर भारी सब्सिडी दे रही है।
अनुदान स्वीकृत होने के बाद किसान पंजीकृत खेतों से कृषि उपकरण खरीद सकते हैं। स्वीकृति मिलते ही 45 दिन के अंदर कृषि उपकरण खरीदना होता है। फिर कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी कृषि उपकरण का भौतिक सत्यापन करेंगे, फिर सब्सिडी का पैसा खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है। यह एक लाभकारी योजना है, जिससे मजदूरों की आय भी बढ़ेगी।