किसानों को खेती के लिए मिलेगा ₹5 हजार का अनुदान, बस इस विभाग के अनुसार करनी होगी खेती, जानिए पूरी खबर

इस लेख में किसानों को मिलने वाले अनुदानों के बारे में बताया गया है, जिसमें किसान खेती का तरीका बदलकर ₹5000 का अनुदान पा सकते हैं।

किसानों को खेती के लिए मिलेगा ₹5 हजार का अनुदान

सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन आज हम एक अलग योजना के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें किसानों को खेती का तरीका बदलना होगा, उन्हें विभाग के अनुसार खेती करनी होगी, इससे किसानों को फायदा भी होता है। बता दे कि इस समय मिट्टी जांच को लेकर कई बड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसमें किसानों को अपने खेत की मिट्टी के बारे में जानकारी मिलती है, साथ ही सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जा रहा है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में, किसानों को कैसे फायदा मिलेगा।

मिट्टी की जांच

मिट्टी जांच कार्यालय द्वारा किसानों के खेत की मिट्टी की जांच निःशुल्क की जा रही है तथा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है। इसके साथ ही उर्वरता योजना भी चलाई जा रही है जिसमें बिहार के जहानाबाद जिले के सहायक निदेशक का कहना है कि कोई भी व्यक्ति मिट्टी जांच कार्यालय में आकर मुफ्त में मिट्टी की जांच करा सकता है। पूरे जिले में 3933 मिट्टी के नमूने लिए गए हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के तहत 88 पंचायतों में अवलोकन किया जाएगा। तो आइए जानते हैं कि यह अवलोकन क्या है जिसके तहत किसानों को ₹5000 का अनुदान मिलेगा।

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अवलोकन कार्य में किसान किस प्रकार भाग लेंगे?

जब किसान अवलोकन कार्य में भाग लेंगे तो उन्हें ₹5000 का अनुदान मिलता है। दरअसल, किसानों के खेत की मिट्टी की जांच की जाएगी और उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाएगा और कार्ड में जो भी जानकारी होगी जैसे कि किसानों के खेत में कौन से पोषक तत्वों की कमी है, अगर वे खाद डालते हैं तो उत्पादन ज्यादा होगा तो उसके हिसाब से अवलोकन कार्य किया जाएगा।

जिसके तहत उन्हें ₹5000 का अनुदान मिलेगा। यह अनुदान विभिन्न कार्यों को मिलाकर दिया जा रहा है जैसे की ₹600 जैव उर्वरक यानी की जैविक खाद के लिए किसानों को दिया जा रहा है, ₹1000 छात्र दिवस मनाने के लिए, ₹1000 कार्बनिक खाद के लिए और सूक्ष्म पोषक तत्व खेत में डालने के लिए ₹1000 दिया जा रहा है, जबकि 1400 रुपए में मृदा सुधारक के लिए किसानों को मिल रहा है। इसका मतलब यह है कि अगर वे पूरी तरह से जैविक खेती करेंगे तो उन्हें ज्यादा कमाई होगी और फिर कृषि विभाग को भी पता चल जाएगा कि प्रदर्शन कार्य करने के बाद पहले कितना उत्पादन प्राप्त हुआ था और अब कितना उत्पादन प्राप्त हो रहा है।

जिससे किसानों को भी पता चल जाएगा कि खेती का कौन सा तरीका सही है, तो यहां हर तरह से किसानों को फायदा हो रहा है।

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