इस फसल की खेती किसानों के लिए बहुत ज्यादा मुनाफे वाली साबित होती है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में सालभर बहुत होती है तो चलिए जानते है कौन सी फसल की खेती है।
मई-जून में करें इस फसल की बुवाई
अरहर इस किस्म की खेती बहुत अच्छी मानी जाती है ये किस्म कम एक मध्यम अवधि वाली होती है इसकी खेती से केवल ज्यादा उत्पादन मिलता है बल्कि ये कई बिमारियों के प्रति प्रतिरोधी होती है अरहर की इस किस्म दाने उच्च गुणवत्ता वाले होते है इसलिए इसकी डिमांड बाजार में बहुत होती है इसकी कीमत दिन प्रति दिन बढ़ती रहती है जिससे किसानों की कमाई भी बढ़ सकती है। हम बात कर रहे है अरहर की पूसा 2001 किस्म की खेती की ये अरहर की एक लोकप्रिय किस्म है तो चलिए इसकी खेती के बारे में जानते है।

कैसे करें खेती
अगर आप अरहर की पूसा 2001 किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में अच्छे से जानना होगा जिससे आपको खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी। अरहर की पूसा 2001 किस्म की खेती के लिए जल निकासी वाली बलुई दोमट या दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है मिट्टी का pH मान 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए। इसकी बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और बीजों का उपचार भी करना चाहिए। अरहर की पूसा 2001 किस्म की 1 एकड़ में बुवाई के लिए 10-15 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद अरहर की पूसा 2001 किस्म की फसल करीब 140-145 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी उपज
अगर आप अरहर की पूसा 2001 किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त पैदावार देखने को मिलेगी एक एकड़ में अरहर की पूसा 2001 किस्म की खेती करने से करीब 8 से 9 क्विंटल तक उपज प्राप्त होती है। बाजार में अरहर दाल की कीमत करीब 150 से 160 रूपए प्रति किलो है आप इसकी खेती से 1 से 1.5 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। ये अरहर की उच्च उपज देने वाली रोग प्रतिरोधक किस्म है।

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