सोना बकरी कर देगी सोने की बौछार, देती है चार बच्चे, सबसे स्वादिष्ट है इसका मांस, अन्य से 200 रु महंगा जाता है। जिसके इसके पालन में है अधिक मुनाफा।
इस बकरी के पालन में है कमाई
बकरी पालन करके भी तगड़ी कमाई की जा सकती है। लेकिन इसके लिए आपको उन्नत नस्ल की बकरियों का पालन करना चाहिए। जिसमें आज हम आपके लिए एक खास नस्ल की बकरी की जानकारी लेकर आए हैं। यह बकरी मुनाफा ही मुनाफा देगी। इसकी कई ऐसी खासियत है जिससे एक पशुपालक अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। यही वजह है कि इस बकरी को किसानों का एटीएम भी कहा जाता है, तो चलिए जानते हैं इस खास नस्ल की बकरी का नाम और खासियत। इसके बाद हम इसकी पहचान भी जानेंगे।
सोनपरी बकरी की खासियत
दरअसल, हम सोनपरी बकरी की बात कर रहे थे। सोंनपरी बकरी सिर्फ नाम की सोना नहीं है बल्कि यह आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी। आपको बता दे कि यूपी के सोनभद्र की यह एक विशेष नस्ल की बकरी है। इसी वजह से इसका नाम भी सोनपरी रखा गया है। इसका पालन करना बहुत ही आसान है। आप किसी भी परिस्थिति में इसे आराम से पाल सकते हैं। इस बकरी की एक खासियत यह है कि यह चार बच्चे देती है। यानी कि एक बार में आपको चार बकरा/बकरी मिल जायेंगे।
इसकी दूसरी खासियत यह है कि इसकी इसका मांस बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट होता है। जिसके वजह से बाजार में इसके मांस की डिमांड अलग से रहती है। साथ ही इस बकरी से बढ़िया मांस का उत्पादन भी हो जाता है। इसकी एक और खासियत यह है कि यह बकरी जल्दी बीमार नहीं होती है। अन्य बकरियों से ज्यादा इसमें रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। चलिए जानते हैं इसकी शारीरिक बनावट के बारे में।
सोनपरी बकरी की पहचान
सोनपरी नस्ल की बकरियों की पहचान की बात करें तो देखने में बेहद सुंदर होती है। जिसकी वजह से ग्राहक किसकी तरफ आकर्षित होते हैं। यह एक मध्यम आकार की बकरी होती है। इसका रंग गहरा भूरा होता है। इसकी सींग धारदार और पीछे की तरफ मुड़ी हुई होती है। इसके पीठ पर रीड की हड्डी के ऊपर काले रंग के उभरे हुए बाल होते हैं, जो की बेहतरीन दिखते हैं। इसके वजन की बात करें तो एक वयस्क बकरी 25 से लेकर 28 किलो के बीच में होती है। यह रोजाना आधा से 1 लीटर दूध भी देती है। यानी कि मांस के साथ-साथ दूध उत्पादन के लिए भी यह बकरी बढ़िया है।
इस बकरी का मीट भी महंगा जाता है। आपको बता दे कि दूसरी बकरों की तुलना में इसका मीट 200 रु ज्यादा होता है। जिससे वजह से इसके पालन में पशुपालको को फायदा है।