मेवा की खेती से किसान भर रहे तिजोरी, पारंपरिक फसल छोड़ शुरू की बागवानी ,जानिए फर्रुखाबाद UP के किसान की सफलता की कहानी

इस लेख में आपको मेवा की खेती करने वाले फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश के किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो की अन्य किसानों को भी तगड़ी कमाई करने की जानकारी दे रहे हैं-

किसान की सफलता की कहानी

नमस्कार किसान भाइयों, इस लेख में आज हम फिर एक किसान की सफलता की कहानी जानने जा रहे हैं जो की बहुत ही ज्यादा अन्य किसानों को प्रेरणा देती है। किसान ने गजब करके दिखाया है। आपने धान-गेहूं और केला-पपीता फलों की खेती के बारे में तो सुना होगा लेकिन बता दे कि मेवा की खेती उत्तर प्रदेश के किसान भी कर रहे हैं। जिसमें सबसे पहले हम किसान की पहचान जान लेते हैं, किसान का नाम बबलू राजपूत है, वह फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। वह बादाम की खेती करते हैं जिससे उन्हें अच्छा खासा प्रॉफिट हो रहा है।

मेवा की खेती से किसान को मुनाफा

बादाम सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यह एक तरह का मेवा है। किसान बताते हैं कि बादाम की खेती में उन्हें कमाई है। एक बार लगाकर किसान 60 साल तक इससे कमाई कर सकते हैं। जिसमें किसान ने बताया कि 2022 में उन्होंने खेती की थी 2023 में पहली बार उन्हें फसल मिली थी और 2024 में भी उन्हें उत्पादन मिला है, जो कि पिछले साल की तुलना में ज्यादा था। जुलाई महीने में वह तुड़ाई करते हैं। तुड़ाई में अधिक खर्च होता है। लेकिन किसान कहते हैं कि बादाम महंगा बिकता है तो वह खर्चा भी मायने नहीं रखता है।

बादाम की अच्छी कीमत किसान को मिल जाती है। जिसमें ₹120 किलोग्राम कीमत के आधार पर भी 70000 किसान कमा लेते हैं। उन्होंने फरवरी में 175 सेब के पेड़ के साथ पांच नारियल, 500 अंजीर और पांच बदाम के पेड़ भी लगाए थे। इस तरह आप देख सकते हैं खेती किसानी में किसान बदलाव करके अधिक मुनाफा ले रहे हैं।

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मेवा की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

बादाम की खेती के लिए किसान ने बताया कि फर्रुखाबाद का तापमान अच्छा है, जलवायु बढ़िया है, वहां अच्छा उत्पादन किसान को मिल रहा है। आमतौर पर कहते हैं कि बादाम की खेती के लिए 7 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान बढ़िया होता है। गर्मी में 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान जा रहा है, तो भी पौधों की वृद्धि और फल के लिए अच्छा होता है। इसकी खेती के लिए हल्की सर्दी और मध्यम तापमान उचित माना जाता है। मिट्टी की बात करें तो जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें।

पीएच मान 5 से 8 के बीच हो तो बेहतर है। बादाम की खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी का चुनाव करें, जो की गहरी हो और बलुई चिकनी मिट्टी हो।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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