MP के किसानों के लिए अच्छी खबर है। आपको बता दे कि कृषि यंत्र को अनुदान पर प्राप्त करने का एक और मौका मिल गया है। किसानों के लिए आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया गया तो चलिए पूरी खबर जानते हैं-
कृषि यंत्र पर अनुदान
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेती किसानी में इस्तेमाल में आने वाले कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। ताकि किसान भाई कृषि यंत्र का इस्तेमाल कर सके, कृषि यंत्र की महंगी कीमत नहीं चुका पा रहे हैं तो उसमें इस सब्सिडी देकर किसानों की आर्थिक मदद की जा रही है। कृषि यंत्र की मदद से किसान कम मेहनत, कम लागत, कम समय में खेती के काम को पूरा कर सकते हैं। आपको बता दे कि करीब 9 कृषि यंत्र पर अनुदान दिया जा रहा है। जिसके लिए किसानों को आवेदन करना होता है।
आवेदन की तारीख खत्म ही हो रही थी कि किसानों के हाथ एक और मौका लग गया है। आपको बता दे की 10 दिन में आवेदन की तारीख में बढ़ोतरी कर दी गई है।
अब इस तारीख तक कर सकेंगे आवेदन
लगभग 10 दिन किसानों के लिए आवेदन की तारीख को बढ़ा दिया गया है। दरअसल, मध्य प्रदेश में कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा विभिन्न कृषि यंत्र पर अनुदान दिया जाता है। जिसमें लक्ष्य की पूर्ति नहीं होने के कारण विभाग ने आवेदन की तारीख बढ़ा दिया। ताकि जिन किसानों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है वह आवेदन कर पाए आपको। बता दे कि अब 28 अप्रैल 2025 तक किसान आवेदन कर सकते हैं, फिर 29 अप्रैल को लॉटरी निकाली जाएगी। जिसमें चयनित किसानों की सूची जारी होगी तो चलिए आपको उन यंत्रों के बारे में बताते हैं जिन पर अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि यंत्रों के नाम और सब्सिडी
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार आप कृषि यंत्रों के नाम और उनकी कीमत के साथ उन पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जान सकते हैं, जो मध्य प्रदेश के कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत दी जा रही है-
- पॉवर स्प्रेयर / बूम स्प्रेयर यंत्र- सबसे पहले पॉवर स्प्रेयर और बूम स्प्रेयर दोनों कृषि यंत्र की बात कर लेते है। इसका इस्तेमाल किसान भाई फसलों पर खाद, कीटनाशक डालने के लिए करते है। इसकी कीमत 30 हजार से 3 लाख रुपए तक है। जिस पर किसानों को करीब 41 हजार रुपए का अनुदान मिल रहा है। जिससे किसानों इसे खरीदने में आसानी होगी।
- बैकहो/ बैकहो लोडर यंत्र (35 एचपी ट्रेक्टर चलित)- इसका इस्तेमाल किसान भाई खुदाई और लोड करने के लिए करते है। इससे पेड़ भी खोद सकते है। पेड़ों को खोदने और नए इलाकों में लगाने में, रूट बॉल को बरकरार रखने में, बोल्डर, चट्टानें, और बजरी को हिलाने में और ज़मीन को हिलाने और ऊपरी मिट्टी को सही जगह पर दबाने में होता है।इसकी कीमत 5,50,000 से 1,60,000 रुपये तक है। जिसपर अधिकतम 1 लाख 50 हजार से 3 लाख 50 हजार रुपए तक का अनुदान मिल रहा है। जिससे तगड़ी बचत किसानों की हो रही है।

- सब सॉयलर कृषि यंत्र- इस कृषि यंत्र का इस्तेमाल इस समय किसान खूब कर रहे है। दरअसल इससे मिट्टी की जड़ों के नीचे जाकर उसे ढीला करते है। जिससे मिट्टी उपजाऊ होगी, पानी सोख लेगी, हवा का संचार सही से होगा। अगली फसल से उत्पादन अधिक मिलेगा। इसका दाम 40 हजार रु से 2 लाख रु तक है। जिसपर 75 हजार रुपए अनुदान मिल रहे है। जिससे कीमत कम हो जायेगी।
- स्टोन पिकर कृषि यंत्र- इसकी कीमत 2 लाख से 7 लाख रूपए के बीच में पड़ती है। जिसपर सरकार किसनों को 1 लाख 50 हजार रु तक अनुदान दे रही है।
- रेज्ड बेड प्लांटर विथ इन्कलाइंड प्लेट प्लांटर एंड शेपर कृषि यंत्र- इसका दाम 95 हजार से 2 लाख रुपए तक पड़ता है। जिसमें करीब 60 हजार रु अनुदान किसान प्राप्त कर रहे है। कृषि यंत्र की कीमत के अनुसार अनुदान मिलेगा।
- लेजर लेण्ड लेवलर यंत्र- इस समय इसकी कीमत 3 लाख से 8 लाख रु के बीच में है। जिसमें करीब 1 लाख 40 हजार अनुदान किसानों को मिल रहा है।
- पल्वेराइज़र (3 एच.पी. तक) यंत्र-इसकी कीमत हमारे देश के किसानों को इस समय पर 15 हजार से 90 हजार रुपए तक पड़ रही है। लेकिन किसान भाइयों को चिंता नहीं करनी है सरकार से इसपर करीब 60 हजार रु तक अनुदान मिल रहा है।
- हैप्पी सीडर यंत्र- यह बड़े काम का कृषि यंत्र है। किसानों के कई काम एक साथ पूरे कर देता है। इससे फसल अवशेषों का प्रबंधन, बिना जुताई दूसरी फसल की बुवाई आदि हो जाती है। इससे फसल काटकर सीधे बुवाई किसान कर लेते है। इसका दाम 2 लाख 60 हजार रुपए से 2 लाख 85 हजार रुपए तक है। जिसमें किसानो को 1 लाख 5 हजार रु तक अनुदान मिल जाएगा।

- फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्टर यंत्र- यह कृषि यंत्र पूरे खेत में एक बराबर खाद फैला देता है। जिससे कम या ज्यादा एक जगह पर खाद नहीं गिरती है। इसकी कीमत 15 हजार से लेकर 1 लाख 50 हजार तक पड़ती है। जिसपर किसान भाई 40 हजार रु तक अनुदान ले सकते है। ताकि यह सस्ता पड़े।
इस तरह आपने कृषि यंत्रों के नाम और उन पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जाना। आपको बता दे कि यहां पर लघु और सीमांत वर्ग के साथ अन्य किसानों को भी 50 से लेकर 60% तक अनुदान दिया जाता है। जिसमें जिले के अनुसार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ सामान्य वर्ग के किसानों के लिए भी अलग-अलग श्रेणी के कृषि यंत्रों पर अलग सब्सिडी निर्धारित की गई है, तो किसानों को इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा।