सोयाबीन की खेती में इन बातों को किया नजरअंदाज तो खाएंगे धोखा, नुकसान होने से पहले पढ़ लें ये लेख। ताकि सिर्फ हो फायदा और ज्यादा मिले ऊपज।
सोयाबीन के किसान
सोयाबीन की खेती करके किसान तगड़ी कमाई कर सकते हैं। लेकिन खेती के समय कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। अगर उन बातों को नजरअंदाज कर दिया गया तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसीलिए आज हम इस लेख में जानने वाले हैं कि सोयाबीन की खेती में महत्वपूर्ण बातें कौन-सी है। जिन्हें किसानों को ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि 15 जून से लेकर 5 जुलाई के बीच में सोयाबीन की खेती कर देनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं सोयाबीन की खेती में किन बातों का ध्यान रखना है। क्योंकि समय बहुत कम है।
सोयाबीन की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने सोयाबीन की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
- सोयाबीन खरीफ की फसल है। जिसमें मानसून के आगमन के साथ किसान इसकी बुवाई जून से जुलाई के बीच में करते हैं।
- सोयाबीन की खेती उस मिट्टी में करनी चाहिए जो चिकनी दोमट मिट्टी हो और पानी की निकासी की व्यवस्था बढ़िया हो। खेत में ज्यादा देर पानी ना रुके।
- सोयाबीन की अगर अच्छी वैरायटी चाहिए तो किसान पूसा 11, एसएल 952, एनआरसी 130, जेएस 335, एनआरसी 128, जेएस 20-34 और जेएस 116 लगा सकते हैं।
- सोयाबीन की खेती में अधिक पैदावार के लिए किसान बढ़िया खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसमें अगर एक हेक्टेयर में खेती कर रहे हैं तो 56 किलोग्राम यूरिया, 450 से 625 किलोग्राम तक सुपर फास्फेट और 34 से लेकर 84 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश डाल सकते हैं। इससे बढ़िया उपज मिल सकती है।
- सोयाबीन की जब बुवाई करें तो दूरी का भी ध्यान रखें। यानी कि कतारों में जैसे कि आप बुवाई करते हैं तो दो कतारों के बीच की दूरी तकरीबन 5 से 45 सेमी रहे और बीज आप तीन से चार सेंटीमीटर की गहराई में बो सकते हैं और दो पौधों के बीच की दूरी 4 से 5 सेंटीमीटर कर सकते हैं।
- सोयाबीन की खेती में किसान बोवाई से पहले बीजों की सफाई कर सकते हैं। सोयाबीन की खेती में बीज एक हेक्टेयर में 65 से लेकर 75 किलोग्राम लग जाता है। इतने में उपज अच्छी मिल सकती है।
इस तरह यहां पर सोयाबीन की खेती से जुड़ी कई जानकारी दी गई है।
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