अब मंडी में टमाटर जैसी अन्य 21 सब्जियों के भाव गिर भी जाते हैं तो भी किसानों को सरकार एक निश्चित न्यूनतम मूल्य देगी। ताकि सब्जियों की खेती में उन्हें घाटा न हो-
सब्जियों की खेती में चुनौती
सब्जियों की खेती में किसानों को मुनाफा है। कम समय में अधिक कमाई इससे कर सकते हैं। लेकिन कभी-कभी मंडी में आवक बहुत ज्यादा होने के कारण सब्जियों के भाव कम होते जाते हैं। सब्जियों के भाव गिरने के और भी कई कारण हो सकते हैं। लेकिन कभी-कभी होने वाले घाटे से यह नहीं होता की सब्जी की खेती में किसानों को मुनाफा नहीं है। इसलिए सरकार सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की योजना बनाई है।
दरअसल, हम हरियाणा राज्य सरकार की एक ऐसी योजना की बात कर रहे हैं। जिसमें प्रमुख फलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को बाजार में सब्जी के भाव गिरने पर भी न्यूनतम मूल्य मिलता है। इस समय हरियाणा में टमाटर के भाव गिर रहे है तो यह किसान इस योजना का लाभ लें सकते है। चलिए योजना के बारे में जानते हैं।

भावांतर भरपाई योजना
भावांतर भरपाई योजना हरियाणा राज्य सरकार की योजना है। इस योजना के अंतर्गत बागवानी और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है। दरअसल, कभी-कभी मंडी में सब्जियों के भाव बहुत ज्यादा गिर जाते हैं। जिससे किसानों को लागत तक नहीं मिलती है। ऐसे में सरकार ने न्यूनतम मूल्य जिसे संरक्षित मूल्य भी कह सकते हैं तय किया है। अगर बाजार में मूल्य गिरता है तो सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य किसानों को मिलता है। जिससे भरपाई हो जाती है। नीचे बिंदुओं के अनुसार जाने किन सब्जियों और फलों का न्यूनतम मिलता है।
- टमाटर
- आलू
- मटर
- प्याज
- फूलगोभी
- बैंगन
- करेला
- भिंडी
- लौकी
- मूली
- लहसुन
- बेर
- लीची
- अमरूद
- पत्ता गोभी
- आम
- किन्नू
- शिमला मिर्च
- हरी मिर्च
- करेला
- गाजर
कैसे मिलेगा योजना का फायदा
सब्जी और फलों की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बहुत बढ़िया योजना है। इससे आर्थिक नुकसान होने की चिंता नहीं रहेगी। अगर हरियाणा के किसान है और इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इस https://hortnet.gov.in/haryana?QUERY वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। पंजीयन करने के बाद किसानों को फायदा मिलेगा।