लाभकारी और उन्नत तकनीक से इस चीज की खेती केवल एक बार में करेगी किसानो की नईया पार। मखाने की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, जो विशेष रूप से बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जलभरों में की जाती है। मखाना पोषण से भरपूर होता है और इसे सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। आइए इसकी खेती के बारे में हम आपको बताते है।
मखाने की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और भूमि
मखाने की खेती आर्द्र और गर्म जलवायु में अच्छी होती है। उथले जल निकाय, जैसे तालाब, झील, और धीमी गति से बहने वाली नदियां इसकी खेती के लिए आदर्श हैं। पानी की गहराई 3-5 फीट होनी चाहिए।
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मखाने की खेती कैसे करें
मखाने के बीजों को “पॉप्स” या “नट्स” कहा जाता है। मखाने की उन्नत किस्में स्वर्ण वैभव, राजेंद्र मखाना-1 और पूसा मखाना है। बीजों को फरवरी-मार्च में नर्सरी में अंकुरित किया जाता है और 1-2 माह बाद तालाब में रोपण किया जाता है। तालाब में पानी का स्तर 3-5 फीट बनाए रखें। जैविक खाद जैसे गोबर खाद और हरी खाद का प्रयोग करें।
खरपतवार और फफूंद संक्रमण से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें। मखाने की फसल अगस्त-सितंबर में तैयार हो जाती है। पकने के बाद बीजों को इकट्ठा कर सुखाया जाता है और फिर भूनकर बाजार में बेचा जाता है। भूनने के बाद बीजों से छिलका हटाकर सफेद मखाने प्राप्त किए जाते हैं।
मखाने की खेती के लाभ
पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक लाभकारी। मखाना प्रोटीन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। अनुपयोगी जल निकायों का उपयोग कर अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है। प्राकृतिक जल निकायों में खेती से लागत कम आती है।
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मखाने की मार्केटिंग और व्यवसायिक अवसर
मखाने की खेती से कई तरह से मुनाफा कमा सकते है। प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर इसे फ्लेवर मखाने, मखाना पाउडर, स्नैक्स और मिठाई में बदलकर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सुपरमार्केट्स में मखाने की मांग तेजी से बढ़ रही है।
मखाने की खेती से कमाई
मखाने की खेती में आपको लागत लगभग 1 लाख 30 हजार आती है तो वही आप इससे लगभग 6 लाख रूपए से ज्यादा मुनाफा कमा सकते है।
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