इस फसल की बुआई के लिए मार्च अप्रैल का महीना सबसे उपयुक्त होता है इसकी खेती में लागत बहुत कम आती है तो चलिए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
मार्च-अप्रैल में करें इस फसल की बुआई
मार्च-अप्रैल के महीने में इस फसल की बुआई जरूर करनी चाहिए क्योकि इसकी फसल को तैयार होने में 7 से 8 महीने लगते है इसकी खेती से न केवल अधिक उपज प्राप्त होती है बल्कि इसकी डिमांड बाजार में दीवाली के समय खूब ज्यादा होती है। लोग इसका सेवन करना बहुत पसंद करते है। ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती है। आप इस फसल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते है। हम बात कर रहे है गजेंद्र प्रजाति के ओल की खेती की ये ओल की एक प्रसिद्ध किस्म है तो चलिए इसकी खेती के बारे में जानते है।

कैसे करें खेती
अगर आप गजेंद्र प्रजाति के ओल की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती से सम्बंधित जानकारी होनी चाहिए। जिससे खेती करने में कोई समस्या नहीं आएगी। गजेंद्र प्रजाति के ओल की खेती के लिए हल्की और भुरभुरी मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी खेती के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए फिर मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। इसकी खेती में कंद से कंद की दूरी 2 फ़ुट और लाइन से लाइन की दूरी 2 फ़ुट रखनी चाहिए। बुआई से पहले कंदोपचार करना चाहिए। बुआई के बाद गजेंद्र प्रजाति के ओल की फसल करीब 7 से 8 महीने में तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
अगर आप गजेंद्र प्रजाति के ओल की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत अच्छी कमाई और शानदार पैदावार देखने को मिलेगी। एक हेक्टेयर में गजेंद्र प्रजाति के ओल की खेती करने से करीब 40-50 टन की पैदावार हो सकती है आप इसकी खेती से 5 से 7 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है। गजेंद्र प्रजाति के ओल की खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होती है।