500 रूपए किलों बिकने वाला यह फल है औषधीय गुणों से भरपूर, जाने क्या है इस खास फल का नाम। टर्की बेर जिसे वैज्ञानिक नाम Solanum torvum के नाम से जाना जाता है, एक औषधीय और पोषक तत्वों से भरपूर पौधा है। इसे कई स्थानों पर सुरई, भटकटैया, या जंगली बैंगन के नाम से भी जाना जाता है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
टर्की बेर की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
टर्की बेर की गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में अच्छी पैदावार होती है। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी बेहतर होती है। इसका pH मान लगभग 5.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए।
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टर्की बेर की खेती कैसे करें
टर्की बेर के बीज को पहले 24 घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए। पौधों को पॉलीथीन बैग या नर्सरी में तैयार करके फिर खेत में रोपा जाता है। टर्की बेर 30-40 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। टर्की बेर के पौधों के बीच 3-4 फीट की दूरी रखें। टर्की बेर की कतार से कतार की दूरी 5-6 फीट रखें।
गर्मियों में सप्ताह में एक बार सिंचाई करें। बारिश के मौसम में कम पानी की जरूरत होती है। अधिक पानी से पौधों को नुकसान हो सकता है। रोपाई के 4-6 महीने बाद फल लगने लगते हैं। फल हरे होने पर तोड़ना चाहिए। एक पौधा 3-4 साल तक उत्पादन देता है। टर्की बेर प्रति पौधा 10-20 किलो फल प्राप्त किए जा सकते हैं। एक एकड़ से 5-6 टन उपज प्राप्त हो सकती है।
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टर्की बेर के फायदे और इस्तेमाल
टर्की बेर औषधीय गुणों से भरपूर होते है। टर्की बेर को सब्जी, अचार और आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किया जाता है। घरेलू इलाज में इसका उपयोग किया जाता है।
टर्की बेर से कमाई
ताजी टर्की बेर की कीमत ₹100-₹200 प्रति किलो होती है। टर्की बेर को सुखी हो उसकी कीमत ₹300-₹500 प्रति किलो हो सकती है।
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