सौर ऊर्जा ग्रामीण महिलाओं की कमाई का एक अच्छा विकल्प बन गया है, और इससे किसानों की भी मदद हो रही है, तो चलिए जानते हैं महिलाओं की कमाई और किसानों की लागत कैसे कम हो रही है-
सौर ऊर्जा से कमा रही महिलाएं
महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो, अपना जीवन यापन अपने खर्चे से कर सके, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। कई तरह से योजनाएं चलाई जा रही है, जिससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सुधार किया जा सके, उनको आत्मनिर्भर बनाया जा सके। जिसमें जीविका भी एक महत्वपूर्ण योजना है। जीविका के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है।
जिसमें आपको बता दे की मुजफ्फरपुर की महिलाएं जीविका योजना से जुड़कर के अब सौर ऊर्जा की मदद से 15 से ₹20000 महीना कमा रही है। जिसकी शुरुआत साल 2023 से हुई थी, 2023 में करीब दो महिलाएं ही इससे जुड़ी लेकिन आज 106 जीविका दीदियां सोलर प्लेट की मदद से अच्छी खासी कमाई कर रही है।

किसानों की सिंचाई में लागत हुई कम
दरअसल, जीविका दीदी सोलर प्लेट लगाकर कमाई कर रही हैं। उन्होंने सोलर प्लेट की मदद से किसानों की सिंचाई में मदद की है। जिसके बाद किसानों की खेती में लागत भी कम हो जारी है। बात यह है कि किसान अगर डीजल या बिजली से खेत की सिंचाई करते हैं तो उन्हें प्रति घंटे 120 से 150 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन अगर जीविका दीदी की मदद से सोलर पैनल के द्वारा खेत की सिंचाई करते हैं तो ₹100 प्रति घंटा ही खर्च करना पड़ता है।
जिससे किसानों की सिंचाई की लागत कम हो जाती है और जीविका दीदी को भी ₹100 प्रति घंटे मिल रहे हैं। जिससे वह महीने के आराम से 15 से 20000 रु कमा लेती है। एक दिन में वह लगभग 20 एकड़ की फसल को पानी दे रही है।
जीविका परियोजना
जीविका परियोजना की मदद से महिलाओं को सौर ऊर्जा से सिंचाई का मौका मिला, और इससे उन्होंने अपनी आय में वृद्धि की। जिसमें एक साल में महिलाओं ने 29 लाख रुपए की कमाई की, जिसका दो प्रतिशत उन्होंने जीविका को भी दान दिया। इस तरह जीविका दीदियां अच्छा काम कर रही है, इससे अन्य प्रखंड की महिलाओं को भी सीख मिल रही है। अगर ग्रामीण महिला जीविका से संपर्क करती हैं तो उनके सहयोग से वह भी सौर प्लांट लगाकर घर बैठे कमाई कर सकती हैं।