किसान अगर सब्जी की खेती से लाखों में खेलना चाहते हैं तो चलिए आपको एक किसान की सफलता की कहानी बताते हैं, जिससे पूरी तरकीब पता चल जाएगी-
किसान का परिचय
सब्जियों की खेती में किसानों को मुनाफा हो रहा है। कम समय में किसान सब्जी की खेती से अधिक कमाई कर लेते हैं। सब्जी की डिमांड मंडियों में हमेशा बनी ही रहती है। वहीं गर्मियों में हरी सब्जी की मांग और ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन सीजन कोई भी हो हरी सब्जी हमेशा बाजार में डिमांड में रहती है, और सेहत के लिए फायदेमंद भी होती है। जिसमें आज हम अररिया जिले के किसान संजय यादव की बात कर रहे हैं, जो की 4 साल से सब्जी की खेती करके पैसे के साथ अब नाम भी कमा रहे हैं।
किसान ने बताया कि वह जिस सब्जी की खेती कर रहे है उसकी मंडी में जोरदार डिमांड रहती है। जिससे अच्छी कीमत भी मिलती है, तो चलिए आपको बताता है वह कौन सी सब्जी, कितनी जमीन में लगाकर, कितना मुनाफा कमा रहे हैं और लागत कितनी आती है।
सब्जी का नाम और कमाई
किसान का परिचय तो हमने जान लिया अब जानते हैं कि वह कौन सी सब्जी लगाते हैं तो बता दे कि किसान संजय यादव फूलगोभी की खेती करते हैं, और बड़े पैमाने पर फूलगोभी की खेती करते हैं, मंडी की मांग को पूरी करते हैं। जिसमें किसान का कहना है कि करीब 2 एकड़ में फूलगोभी की खेती से वह तीन लाख की कमाई कर लेते हैं। 90 दिन की यह फसल किसान को मालामाल कर रही है। क्योंकि, फूलगोभी की अच्छी कीमत मंडी में मिल जाती है, फूलगोभी की डिमांड भी बहुत रहती है।

लागत और कीमत
खेती किसानी में कई तरह की लागत आती है, जिसमें अगर किसान के पास से कुछ साधन मौजूद है तो वह लागत कम भी हो जाती है। फूल गोभी की खेती की बात करें तो किसान का कहना है कि एक एकड़ की जमीन में किसान अगर फूल गोभी लगाएंगे तो उन्हें करीब 30 या ₹40000 की लागत आएगी। वहीं इससे होने वाली कमाई लाखों में जाती है। यानी की लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा किसान उठा सकते हैं। क्योंकि इस समय फूलगोभी की कीमत अच्छी चल रही है। इसीलिए किसान को बढ़िया पैसे भी मिल रहे हैं।
वह बताते हैं कि कभी 30 तो कभी ₹60 किलो में उनकी गोभी जाती है। फूल गोभी की खेती में किसान को मुनाफा लेने के लिए सब्जी की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना पड़ता है। समय-समय पर निरीक्षण करना पड़ता है। फूल गोभी का आकार कितना बड़ा है, वह देखने में कैसी है, कीट रोग का प्रकोप तो नहीं है, इस तरह कई बातें निर्भर करती है कि किसान को उसकी कितनी कीमत मिलेगी। साथ ही किसान भाइयों को मंडी का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह अपनी फसल कहां तक बिक्री कर सकते हैं। उसके हिसाब से खेती करनी चाहिए।