गेहूं की खेती में इस उर्वरक का छिड़काव बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है इसके छिड़काव से गेहूं की बालियों में दाने का भराव होता है तो चलिए जानते है कौन सा उर्वरक है।
गेहूं की पैदावार में होगी बेशुमार वृद्धि
गेहूं की खेती बहुत लाभकारी मानी जाती है गेहूं की बालियों में इस समय दाने बन रहे है इस दौरान गेहूं की फसल में थोड़ी सी देखभाल से किसान गेहूं की उपज को बढ़ा सकते है। गेहूं की फसल में सही उर्वरक का सही मात्रा में छिड़काव न केवल गेहूं की पैदावार को बढ़ाता है बल्कि गेहूं के दानों को मोटा और चमकदार बनाता है जिससे बाजार में गेहूं की क्वालिटी देखकर दाम बहुत जबरदस्त मिलते है। इस समय फसल की सही देखभाल और पोषक तत्वों की पूर्ति से गेहूं के दानों का वजन बढ़ाया जा सकता है तो चलिए जानते है गेहूं की फसल में किस उर्वरक का छिड़काव करना चाहिए।

गेहूं की फसल में इस चीज का छिड़काव
फरवरी के महीने में गेहूं की फसल में छिड़काव के लिए हम आपको नाइट्रोजन, फ़ॉस्फ़ोरस, और पोटैश के जैसे उर्वरक के बारे में बता रहे है इन उर्वरक के छिड़काव से गेहूं की बाली मजबूत होती है और दाने भी वजनदार होते है। जिससे गेहूं के किसानों को मंडी में गेहूं का अच्छा दाम मिलता है। इन उर्वरक की सही मात्रा में छिड़काव से गेहूं की फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार किया जा सकता है। इनके अलावा गेहूं की फसल में फरवरी में एनपीके उर्वरक और बोरान का छिड़काव भी करना चाहिए। जिससे बालियों का विकास तेजी से होता है और गेहूं का खेत अनगिनत बालियों से भर जाता है।
कैसे करें उपयोग
फरवरी के महीने में गेहूं की फसल में नाइट्रोजन, फ़ॉस्फ़ोरस, और पोटैश का उपयोग बहुत उपयोगी और लाभकारी साबित होता है। गेहूं की फ़सल में नाइट्रोजन, फ़ॉस्फ़ोरस और पोटैश की मात्रा 19:19:19 के अनुपात में होनी चाहिए। इस मात्रा को 10 ग्राम 1 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए ऐसा करने से गेहूं का उत्पादन बहुत जबरदस्त होता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।