जून महीना है इन फसलों के लिए खास, मिलेगा बंपर उत्पादन, जानिये जून महीने में किसान कौन-सी फसलें लगाएंगे। जिससे सही समय में हो जाए खेती।
सही समय पर सही फसल बोयें
खेती किसानी का काम समय पर किया जाए तो ज्यादा उत्पादन मिलता है। जबकि बे-समय की गई खेती में उपज आधे से कम होता है और किसानों को घाटा हो जाता है। वहीं अगर समय से खेती की जाए तो उत्पादन आधे से भी कम हो जाता है। इसलिए आज हम जानने वाले हैं कि जून महीने में किसान कौन-सी खेती करेंगे। क्योकि वह सही समय में खेती करके अधिक उत्पादन ले सकते है। जिसमें हम कुछ अनाज की खेती के साथ-साथ चारे के बारे में भी जानेंगे तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि जून महीने में कौन-सी फसल किन किस्म के साथ लगाकर ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
जून महीना है इन फसलों के लिए खास
बिंदुओं के अनुसार जाने फसलों के नाम और उनकी बेहतरीन किस्म के साथ कब खेती करें।
- धान की खेती के लिए जून महीना ख़ास होता है। जिसमें मई के अंतिम सप्ताह से जून के प्रथम पखवाड़े तक किसान धान की नर्सरी डालते है। लेकिन अगर सुगंध वाली धान यही तो इसकी नर्सरी जून के तीसरे सप्ताह में डाल सकते है। जिसमें अगर आपको धान की मध्यम से लेकर देर से पकने वाली धान की प्रजाति चाहिए तो स्वर्णा, सरजू-52, नरेन्द्र-359, पंत-10 लगा सकते है। लेकिन टा.-3, हरियाणा बासमती सुगंधित, पूसा बासमती-1, पंत संकर धान-1 के आलावा नरेन्द्र संकर धान-2 सबसे प्रमुख उन्नत संकर किस्मो में आते है।
- अगर आपको बीज कितना बोना है जानना है तो बता दे कि अगर महीन धान है तो एक हेक्टेयर में बीज दर 30 किग्रा, जबकि मध्यम के लिए 35 किग्रा, और मोटे धान में 40 किग्रा के आलावा ऊसर जमीन में 60 किग्रा लगेगा। इस तरह आप अंदाजा लगा सकते है। जिसमें संकर किस्मों के लिए प्रति हेक्टेयर 20 किग्रा बीज की जरूरत होगी।
- जून महीना मक्के की खेती के लिए भी ख़ास होता है। जिसमें 15 जून तक मक्के की बुवाई की जाती है। लेकिन अगर पानी की उचित व्यवस्था नहीं है तो किसान 25 जून तक बारिश के साथ बुवाई कर सकते है।
- जिसमें अगर बढ़िया मक्का की उन्नत किस्म चाहिए तो शक्तिमान-1, संकुल मक्का- तरुण, एच.क्यू.पी.एम.-1, नवीन, कंचन, श्वेता के आलावा जौनपुरी सफेद और मेरठ पीली देशी प्रजाति भी बढ़िया ऑप्शन है।
- जून महीने का यह समय अरहर की बुवाई का भी माना जाता है। इसमें भी किसान बारिश या अपना पंप से समय से पहले बुवाई कर सकते है।
- जिसमें उन्नत किस्म है प्रभात, यू.पी.ए.एस.-120 जो की जल्दी तैयार होती है, इसके आलावा नरेंद्र अरहर-1, मालवीय अरहर-15 जिसे ज्यादा समय लगता है, और बहार भी अच्छा ऑप्शन है।
पशुपालको के लिए भी जून महीना है खास
पशुपालको को भी चारे की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है। लेकिन अगर आप खाली पड़ी जमीन में चारा लगवा देते हैं तो आपके पशुओं को चारे की कमी नहीं होगी। साथ ही साथ आपको बढ़िया दूध का उत्पादन भी मिलेगा। तो यहां पर अब जून महीने में हरे चारे की खेती कर सकते हैं। जिसमें लोबिया, ज्वार और चरी आदि चारे की खेती की जा सकती है। जिसके लिए आपको इन फसलों की बुवाई करनी होगी।