गेहूं और मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। चलिए आपको बताते हैं यह किस राज्य सरकार की योजना है और कौन से किस चुने जाएंगे-
प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन
प्राकृतिक खेती में किसानों को फायदा है, इसीलिए सरकार भी किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जिसके लिए आपको बता दे कि गेहूं और मक्का की खेती करने वाले किसानों को, गेहूं-मक्का की अच्छी खासी कीमत दी जा रही है जो कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी ज्यादा है। प्राकृतिक खेती अगर किसान करते हैं तो अनाज सेहतमंद रहता है। क्योंकि उसमें किसी तरह की रासायनिक खाद कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता। जिससे जमीन भी अच्छी होती है, मिट्टी उपजाऊ होती है, पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता, यानी कि कई तरह के इससे फायदे होते हैं।
₹4000 क्विंटल गेहूं और ₹3000 क्विंटल मक्का
गेहूं की खेती करने वाले किसानों को ₹4000 प्रति क्विंटल गेहूं की कीमत मिलेगी और मक्का की खेती करने वाले किसानों को ₹3000 प्रति क्विंटल मक्का की कीमत मिलेगी। यह हिमाचल राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने प्रदेश के किसानों को बड़ा लाभ देने का ऐलान किया है। वह किसान जो प्राकृतिक खेती करते हैं, उन्हें अन्य किसानों से अधिक फायदा होगा। जिसमें प्राकृतिक खेती करके तैयार किये गए गेंहू की ₹40 किलो,और मक्का की ₹30 किलो की दर से सरकार खरीदी करेगी।

एक किसान से 20 क्विंटल मक्का खरीदा जाएगा
मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए यह अच्छा है कि 20 क्विंटल एक ही परिवार से बिक्री कर सकते हैं। जिससे मक्का की अच्छी कीमत किसानों को मिलेगी। आपको बता दे की अभी तक 1508 किसानों से करीब 398 मीट्रिक टन प्राकृतिक खेती से तैयार किए गए मक्के की खरीदी हो चुकी है, और 1.19 करोड रुपए किसानों को मिल चुके हैं, इस तरह आप देख सकते हैं मक्का की खेती करने वाले हिमाचल के किसानों को अच्छा फायदा हो रहा है। सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को नेचुरल फार्मिंग का सर्टिफिकेट भी देती है। यानी कि सिर्फ कीमत ही नहीं किसानों को सम्मान भी मिल रहा है।