व्यावसायिक खेती करने के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। जिसके लिए किसानों की भारी आर्थिक मदद की जा रही है, तो चलिए आपको बताते हैं किस खेती के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है-
व्यावसायिक खेती में किसानों को मुनाफा
किसान पारंपरिक खेती जैसे के धान, गेहूं, फसलों की खेती लगातार करते आ रहे हैं। लेकिन व्यावसायिक खेती में भी मुनाफा है जैसे कि फलों की खेती। जिसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, और उनकी आर्थिक मदद भी कर रही है। व्यावसायिक खेती कुछ ऐसी है जिसमें लागत कम आ जाएगी और मुनाफा अधिक होगा। लंबे समय तक भी कमाई किसान कर सकते हैं। इसलिए व्यावसायिक खेती की तरफ सरकार किसानों का ध्यान आकर्षित कर रही है, और उन्हें सब्सिडी दिया जा रहा है जिससे उनकी आर्थिक मदद हो सके और वह खेती कर सके ,तब चलिए जानते हैं कि किस राज्य सरकार द्वारा किस खेती के लिए सब्सिडी जा रही है।
इस खेती के लिए मिलेंगे ₹50000
बिहार राज्य सरकार द्वारा अंजीर की खेती और नारियल की खेती के लिए आर्थिक मदद की जा रही है। जिसमें अगर किसान अंजीर की खेती करेंगे तो उन्हें ₹50000 एक हेक्टर में अनुदान मिलेगा। यह पैसा किसानों को तीन किस्तों में दिया जाएगा। अंजीर की खेती में 1,25,000 तक की लागत आ जाती है। जिसमें सरकार 40 फीसदी यानी की ₹50000 मदद कर रही है। तीन किस्तों में यह राशि मिलेगी। पहले साल 30000, दूसरे और तीसरे साल ₹10-10000 मिलेंगे।

नारियल की खेती के लिए सब्सिडी
अंजीर की खेती के अलावा अगर किसान नारियल की खेती करना चाहते हैं तो आपको बता दे कि इस पर भी सरकार आर्थिक मदद दे रही है। अंजीर के पौधे खरीदने के लिए सरकार किसानों की मदद कर रही है। आपको बता दे कि बिहार राज्य सरकार द्वारा नारियल के पौधों पर 75% अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें नारियल के पौधे जो की 85 रुपए में मिलते हैं, उस पर सरकार 63.75 सब्सिडी देगी। जिससे बहुत सस्ते में नारियल के पौधे किसानों को पड़ेंगे।
लाभ लेने के लिए यहां करें संपर्क
बिहार के किसान अगर अंजीर और नारियल की खेती करने के लिए सरकार से मदद लेना चाहते हैं तो उद्यान निदेशालय के अधिकारी वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.i पर जाकर आवेदन करके सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। आपको बता दे की सामान्य श्रेणी में 78.75% लोगों का चयन होगा और अनुसूचित जाति में 20 फीसदी इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए 1.44 फीसदी जगह रहेगी और सभी श्रेणी में महिलाएं शामिल हो सकती हैं। इस तरह महिलाओं को भी व्यावसायिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।