फरवरी-मार्च में करें इस सब्जी की खेती, मंडी में मिलेगा जबरदस्त भाव, कुछ ही महीने में बन जाएंगे धन्ना सेठ

सब्जी की खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं फरवरी मार्च में कौन सी सब्जी लगाने पर मंडी में साल की सबसे ज्यादा कीमत मिलेगी-

फरवरी और मार्च में सब्जी की खेती में ताबड़तोड़ कमाई होती है। क्योंकि गर्मियों में हरी सब्जियों की कीमत अच्छी मिलती है। बाजार में डिमांड बढ़ जाती है। वही कुछ सब्जी ऐसी भी होती है इसलिए फरवरी और मार्च में लगाया जाता है। तो आने वाले समय में मंडी में साल के सबसे ज्यादा कीमत मिलती है। जैसे की भिंडी की। जी हाँ भिंडी की खेती में किसानों को मुनाफा है, और अगर सही समय का ध्यान रखें तो मंडी में सबसे ज्यादा कीमत ली जा सकती है। 30-40 रु का रेट किसानों को मिल जाता है। फल का स्वाद भी बढ़िया में रहता है। गुणवत्ता भी सही रहती है।

भिंडी की वैरायटी

भिंडी की वैरायटी की बात करें तो एडवांटा गोल्डन सीड्स की राधिका बढ़िया है। इसके अलावा सेमिनस, सिजेंटा, नामधारी आदि कंपनियों के सीड्स बढ़िया होते हैं। इसके अलावा किसानों को अपने क्षेत्र में भी देखना चाहिए कि उनके क्षेत्र में किसान भिंडी की कीमत सबसे अच्छी मिलती है। उनके क्षेत्र की जलवायु के अनुसार कौन सी भिंडी के बीज लगाने पर ज्यादा पैदावार मिलेगी। भिंडी की पंजाब -7, अर्का अभय, सिंजेंटा OH-940 और राधिका भी अच्छी किस्म है।

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भिंडी की खेती

नीचे लिखे बिंदु के अनुसार जानिए भिंडी की खेती के बारे में-

  • भिंडी की खेती के लिए रेतली और चिकनी मिट्टी अच्छी होती है।
  • जिसमें मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.5 हो तो बेहतर होता है।
  • भिंडी की खेती कर रहे हैं तो लाइन से लाइन की दूरी 4.5 फीट और पौधे से पौधे के बीच की दूरी 3 फिट रखें।
  • भिंडी की फसल में कई तरह के रस चूसक और कीटों का प्रकोप भी आता है। जिसके लिए किसानों को समय-समय पर निरीक्षण करना चाहिए और स्प्रे शेड्यूल की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। क्योंकि भिंडी की फसल में लीफकर्ल वायरस भी देखने को मिलता है।
  • भिंडी की फसल में पहले खाद 18 से 20 दिन के बीच में दें। जिसमें यूरिया 25 किलो और सागरिका दानेदार 10 किलो, 1 एकड़ के हिसाब से डाल सकते हैं। जिससे अच्छी उपज मिलेगी। भिंडी की फसल लंबी अवधि की फसल है तो इसमें तीन बार खाद देना जरूरी होता है।
  • लेकिन अगर आपके खेत की मिट्टी उपजाऊ है, फसल भी अच्छी होती है, ज्यादा खाद देने की जरूरत नहीं है तो बेसल डोज दे सकते हैं। बेसल डोज में डीएपी 1 किलो, एसएसपी खाद एक बैग और एमओपी खाद 20 किलो, सल्फर 5 किलो, 2-3 ट्रॉली गोबर की खाद, एक एकड़ में डाल सकते हैं।

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