गेहूं में 70 से 90 दिन की अवस्था में करें यह 3 काम, रोग-बीमारी-फंगस की झंझट खत्म, दाने चमकदार होंगे

गेहूं की खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए बढ़िया गुणवत्ता वाला गेहूं अधिक मात्रा में किसानों को मिलना चाहिए, जिसके लिए यहां पर हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं-

गेहूं में 70 से 90 दिन की अवस्था

रबी सीजन में अधिकांश किसान गेहूं की खेती करते हैं। गेंहू की फसल हो या अन्य कोई फसल किसान अगर समय पर रोग-बीमारी को आने रोक लेते है तो उन्हें फायदा होता है। जिसमें कुछ किसानों की फसल 70 से 90 के दिन के बीच की है, तो उन्हें इस समय जरूरी काम करना है, जिससे फसल में बीमारी फंगस नहीं आएंगे और दाने ज्यादा मात्रा में बढ़िया चमकदार होंगे। गेहूं की खरीदी MSP पर होती है। लेकिन बढ़िया गुणवत्ता रहती है, तभी किसानों को अच्छी कीमत इसकी मिलती है, तो चलिए आपको बताते हैं कि इस समय कौन सा काम करना जरूरी है।

किसान करें यह 3 काम

गेहूं की फसल में झंडा पत्ती समय दिखाई दे रही है, झंडा पत्ती गेहूं की फसल का अहम् हिस्सा माना जाता है। इस पत्ते से ही पौधे की वृद्धि बढ़िया होती है और दानों की गुणवत्ता सही रहती है। जिसके लिए झंडा पत्ती को स्वस्थ बनाए रखना है। जिससे पौधे का विकास बढ़िया हो और दाना भी बढ़िया क्वालिटी का हो, तो चलिए नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानते हैं इस समय किसान कौन से तीन काम करें-

  • दरअसल किसान को गेंहू की फसल में स्प्रे करना होगा। जिसमें तीन चीज शामिल है। सबसे पहले आपको बता दे की NPK 0:52:34 का स्प्रे करें। इससे फसल स्वस्थ रहेगी। बता दे की एनपीके उर्वरक नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है।

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  • किसान अगर चाहते हैं कि गेहूं की फसल में आने वाले समय में किसी तरह का फंगस का प्रकोप ना हो तो इसके लिए यह Tebuconazole + azoxystrobin स्प्रे कर सकते हैं। यह कवकनाशी है, जिसका उपयोग कई प्रकार के फंगल रोगों को नियंत्रित करने के लिए करते है। जिससे फसल में फंगस की समस्या नहीं आएगी।
  • किसान अगर जाते हैं कि उनके गेहूं के दाने चमकदार और बढ़िया दिखाई दे तो बोरोन 20% का इस्तेमाल करें। इससे उन्हें अच्छा रिजल्ट मिलेगा। बोरोन 20% एक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जिसका इस्तेमाल गेहूं के किसान के लिए फायदेमंद होगा। यह पौधों की स्वस्थ वृद्धि में सहायक है और फ़सल की पैदावार इससे बढ़ती है। जिसमे बताया जाता है कि बोरोन 20% का इस्तेमाल पत्तियों पर छिड़काव करके करते है। यह आसानी से किसान इस्तेमाल कर सकते है।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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