आज हम आपको ऐसे पशुपालक के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूध नहीं बल्कि गोबर को अपनी कमाई का जरिया बन चुका है। इस किसान ने लोगों के सामने एक नया उदाहरण पेश किया है। गुजरात के बनासकांठा जिले के रहने वाले पशुपालको की जिंदगी दूध के उत्पादन और गोबर ने बदल दी। जहां यहां के किसान दूध उत्पादन के साथ-साथ गोबर से भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
पशुपालक अर्जुनभाई जाट
आज हम आपको दिसा तालुका केयावरपुरा गांव के रहने वाले एक पशुपालक जिनका नाम अर्जुन भाई जाट है। इनकी उम्र लगभग 30 साल के आसपास है। इन्होंने बीते 12 सालों से पशुपालन शुरू किया और धीरे-धीरे पशुओं की संख्या बढ़ते गए और आज वह प्रतिदिन 700 से 800 किलो गोबर बनास डेरी के बायो सीएनजी प्लांट को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते हैं। आपको बता दे उनकी मेहनत और लगन की वजह से आज के समय में इनका सबसे ज्यादा गोबर बेचने वाले किसान के रूप में जाना जाता है।
बायो सीएनजी प्लांट
जानकारी के मुताबिक हाल ही में 4 साल पूर्व बनास डेरी ने डीसा के समीप बायो सीएनजी प्लांट की शुरुआत की थी। यहां के किसानों में ₹1 प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाता है। आज के समय में यहां के आसपास के पांच गांव के लोग लाखों रुपए का गोबर यहां बेचते हैं। आपको बता दे अर्जुन भाई जाट ने बीते 4 सालों में लगभग 890000 का गोबर बचा है। इस प्रकार वह सबसे ज्यादा गोबर बेचने वाले किसानों के रूप में जाने जाते हैं।
गोबर के फायदे
गोबर बेचने के फायदे है गोबर बेचकर किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे साथ ही इससे पर्यावरण भी सुरक्षित होगा। इसके साथ ही गोबर कहीं वेस्टेज नहीं जाता है। साथ ही इससे ऊर्जा उत्पादन के काम में लाया जाता है। इस योजना के जरिए किसानों को बहुत लाभ मिल रहा है।
एक नई पहल
बनासकांठा ने अपनी इस नई पहल से एक नई क्रांति शुरू कर दी है। बता दे कि अब किसान अपने पशुओं से केवल दूध उत्पादन नहीं करते बल्कि गोबर से भी कमाई करते हैं। आज के समय में अर्जुन भाई जैसे किसान लोगों के लिए प्रेरणा बनते जा रहे हैं। इसे लोगों को प्रेरणा मिल रही है।
यह भी पढ़े: ग्वार के नए भाव बाजार में हुए जारी, बीते कई दिनों से मची हुई है मार्केट में उथल पुथल, जाने ताजा भाव