चने की फसल को फली भेदक कीट से है खतरा। चने की फसल की अधिकांश क्षेत्र में बुवाई की जा चुकी है अब ऐसे में फसलों में दाने भरने का समय है। लेकिन इस समय किसानों के मन में फली भेदक किट को लेकर चिंता बनी हुई है। फली भेदक कीट चने की फसल के लिए बहुत घातक साबित होता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि फसल में यह कीट सुंडी रूप में सक्रिय रहता है। यह फल के अंदर प्रवेश करके बीजों को खा जाता है और इससे चने की पैदावार कम होती है साथ ही किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है।
फेरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल
फेरोमोन ट्रैप चने के फल छेदक कीट पर निगरानी रखने में बहुत कर गया साबित होता है। इतना ही नहीं यह जाल में मादा फली भेदक के द्वारा छोड़े हुए योन स्राव रसायन का इस्तेमाल किया जाता है जो कि नर पतंगो को आकर्षित करता है। साथ ही इस विधि का इस्तेमाल करके हम कीटों के प्रकोप का पहले से अनुमान लगाकर समय रहते फसल की सुरक्षा कर सकते है।
फेरोमोन ट्रैप कैसे बनता है
आपको बता दे कि यह तीन या प्लास्टिक का बना हुआ होता है। जिसमें पॉलीथिन की एक थैली लगी हुई होती है। वही इस खेत में फसल से 2 फीट की ऊंचाई पर लगा दिया जाता है। जिसके बाद जल के अंदर मादा पतंग से निकलने वाले रसायन से नर पतंग आकर्षित होकर जाल में फसते हैं इस प्रकार इनको खत्म किया जा सकता है।
प्रति हेक्टेयर चार से पांच जाल लगाना चाहिए साथ ही जल में फंसे नर पतंग को नियमित निगरानी करते रहना चाहिए साथ ही बता दे कि जब लगातार चार से पांच रातों तक चार से पांच नर पतंग जाल में दिखाई दे तब तुरंत फसल सुरक्षा उपायों को करना शुरू कर देना चाहिए जिससे की फसल सुरक्षित रहे।
फली भेदक कीट से बचाव
चने की फसल में खेतों में लगभग 30 से 40 दे प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगा करके कीट भक्षी पक्षियों को आकर्षित कर सकते हैं। बता दे यह पक्षी फली भेदक की सुंडी का शिकार करते हैं। खेत के चारों तरफ धनिया जैसी पराग वाली फसल लगा करके आप परजीवी कीड़ों को बढ़ावा दिया जा सकता है जो की फली भेदक कीटों के प्राकृतिक शिकार होते हैं।
इनका शिकार करके वह इनको खत्म कर देते हैं साथ ही नीम की निंबोली एक प्रभावी जैविक उपाय है। इससे भी आप इसको खत्म कर सकते हैं। वही 15 किलो निबोली को काटकर 85 लीटर पानी में मिलाकर के आप इस पर स्प्रे कर दीजिए इससे भी इसको खत्म किया जा सकता है।