मिर्च के पौधों का विकास रुक जाएगा, फूल कम आएंगे, थ्रिप्स कीट से अगर नहीं बचाई फसल, जानिए कीट खत्म करने का सस्ता उपाय

मिर्ची की फसल में थ्रिप्स कीट का खतरा इस समय देखा जा रहा है, जिससे मिर्ची की खेती करने वाले किसान इससे परेशान है तो चलिए आपको बताते हैं, इससे कैसे बच सकते हैं ताकि पैदावार ना घटे-

मिर्च की फसल में कीटों की समस्या

मिर्च की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है। मिर्च की डिमांड साल पर बनी रहती है मिर्च की खेती आसानी से किसान कर लेते हैं। यह लंबी अवधि की फसल भी है। जिससे लागत कम और कमाई ज्यादा होती है। जिससे मिर्च की खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समय मिर्च की फसल में कीटों की समस्या देखने को मिल रही है। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। जी हां आपको बताते की मिर्च में थ्रिप्स कीट और व्हाइट फ्लाइंग कीट का प्रकोप देखा जा रहा है।

यह कीट मिर्ची की फसल में किसी भी स्टेज पर लग सकते हैं और पौधे के कोमल भाग को चूसने का काम करते हैं। जिससे पौधे का विकास रुक जाता है। फूल नहीं बनते हैं। फसल पूरी तरह से बर्बाद होने लगती है। जिससे किसानों को घाटा हो सकता है तो चलिए कृषि विशेषज्ञ के अनुसार दो सरल उपाय जानते हैं। जिसमें एक सस्ता टिकाउ उपाय बताया गया है। जिसमें किसी तरह का केमिकल का प्रभाव फसल पर नहीं होगा और दूसरा कीटनाशक दवा के बारे में भी जानकारी दी गई है।

कीट खत्म करने का सस्ता उपाय

किसान अगर किसी तरह के केमिकल वाली दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो येलो स्टिकी ट्रैप/ पीले चिपचिपे जालों (yellow sticky trap) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे फसल में किसी तरह के रासायनिक छिड़काव के ही कीटों को खत्म किया जा सकता है। जिसके लिए खेत के हर कोने में स्टिकी ट्रैप लगाना पड़ेगा। जिससे पूरी फसल को कीड़ों से बचाया जा सके। स्टिकी ट्रैप में कीट फस जाते हैं और फिर खत्म हो जाते हैं। समय-समय पर इन्हें बदलना भी पड़ता है।

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कीटनाशक दवा का इस्तेमाल

अगर थ्रिप्स कीट का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो किसान कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन कीटनाशकों से कीटो को लंबे समय तक नियंत्रित कर सकते हैं। फसलों को कीटों से लड़ने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक तरह की दवा है जिनका छिड़काव किया जाता है। जिसमें एग्रोनिल-एक्स (फिप्रोनिल 5% एससी) का इस्तेमाल कर सकते है। मात्रा की बात करें 400 मिली एक एकड़ के लिए बहुत है। इसे 150 से 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़के। अगर यह नहीं मिल रहा है तो एग्रोस्टार किल-एक्स (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC ) ले सकते है। इससे भी कीट की समस्या नहीं आएगी।

अगर किसान एग्रोस्टार किल-एक्स का इस्तेमाल कर रहे है तो इसकी मात्रा 80 से 100 मिली एक एकड़ के लिए लें और इसे 150 से 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़के। इससे फसल को कीटों से बचा सकते है।

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