सरसों की फसल में कुछ कीट रोगों का बहुत ज्यादा आतंक मचा हुआ होता है जिससे फसल के उत्पादन में बहुत ज्यादा खराब असर पड़ता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है इस समस्या का उपाय क्या है।
सरसों की फसल
सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहन फसल है। इसकी खेती किसानों के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी मानी जाती है सर्दियों के मौसम में सरसों की फसल में कई रोग का प्रकोप और असर देखने को मिल रहा है। फसल में लगे कीट रोग का समय पर रोकथाम बहुत जरुरी है क्योकि सरसों की फसल में कीट का प्रकोप पड़ने से उत्पादन में गिरावट आने लगती है जिससे किसानों का बड़ा नुकसान हो सकता है आज हम आपको एक ऐसी दवा के बारे में बता रहे है जो फसल में लगे कीट-रोग का जड़ से नामोनिशान मिटा देती है तो चलिए जानते है कौन सी चीज है।

सरसों में लगे कीटों का आतंक
सरसों की फसल में लाही कीट और आरा मक्खी कीट का बहुत ज्यादा आतंक होता है लाही कीट छोटे भूरे या काले रंग के होते है ये कीट सरसों के पौधों का रस चूसकर उनके विकास को रोक देते है। इसकी वजह से फलियों में दाने भी नहीं बन पाते है जिससे फसल के उत्पादन में भारी मात्रा में गिरावट होती है। आरा मक्खी कीट के लार्वा काले और भूरे रंग के होते है जो पत्तियों के किनारों या पत्तियों के बीच में रहते हैं। आरा मक्खी उन कीटों में से एक है जिससे प्रतिवर्ष सरसों की फसल बुरी तरह प्रभावित होती है। ये दांतदार और आरी की तरह डंक होने के कारण इस कीट को आरा मक्खी का नाम दिया गया है।
कीट-रोग का नामोनिशान मिटा देगा ये घोल
सरसों की फसल में लाही कीट के आतंक को जड़ से खत्म करने के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20% EC दवा का उपयोग बहुत लाभकारी और उपयोगी साबित होता है इसका उपयोग करने के लिए 200 मिलीलीटर दवा को 210 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे के करना है और आरा मक्खी कीट को जड़ से खत्म करने के लिए क्विनालफ़ॉस 25 ईसी कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए। इसका उपयोग करने के लिए 250 मिली दवा को 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से ये दोनों कीट सरसों की फसल में से जड़ से खत्म हो जाते है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।