जनवरी के महीने में लौकी की बेल से छोटे-छोटे फल और फूल गल कर नीचे गिरने लगते है क्योकि इस महीने में ठंड काफी बढ़ जाती है जिससे लौकी के पौधे में काफी असर पड़ता है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से इस समस्या से छुटकारा पाने का उपाय जानते है।
अनगिनत लौकियों से लद जाएगी बेल
सर्दियों के मौसम में लौकी के पौधे को खास देखभाल के साथ जरुरी पोषक तत्व की जरूरत भी होती है इस मौसम में पौधे को पौष्टिक उर्वरक देना चाहिए आज हम आपको ऐसे घोल के बारे में बता रहे है जो लौकी के पौधे के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है इस घोल को आप अपने घर ही बहुत आसानी से तैयार कर सकते है इसमें कई तत्व के गुण होते है जो पौधे को भरपूर पोषण देते है जिससे लौकी की बेल में अनगिनत बड़ी-बड़ी लौकी लगने लगती है तो चलिए जानते है कौन सा घोल है।
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जनवरी में लौकी के पौधे में डालें ये घोल
जनवरी के महीने में हम आपको लौकी के पौधे में डालने के लिए नीम की पत्ती, हल्दी पाउडर, लहसुन और गोबर के उपले की राख से बने लिक्विड फर्टिलाइजर के बारे में बता रहे है नीम की पत्ती और हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फ़ंगल, और एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण होते है जो पौधे को कीट, फंगस, रोग से बचाते है। गोबर के उपले की राख पौधे को कीड़ों से दूर रखने के साथ पैदावार को भी बढ़ाने का काम करती है। इस घोल को आप अपने घर में आसानी से तैयार कर सकते है। लौकी के पौधे में इस जैविक लिक्विड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
जनवरी के महीने में लौकी के पौधे में इस घोल का उपयोग बहुत उपयोगी और लाभकारी साबित होता है इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले एक मुट्ठी नीम की पत्तियां, एक चम्मच हल्दी पाउडर, 1 लहसुन की कली को बारीक़ पीस लेना है और एक लीटर पानी में इस पेस्ट को गोबर के उपले की राख के साथ अच्छे से मिला लेना है। फिर लौकी के पौधे की मिट्टी की गुड़ाई करके इस घोल को पौधे में डालना है ध्यान रहे इसका उपयोग सिर्फ महीने में एकबार ही करना है ऐसा करने से लौकी के पौधे को भरपूर पोषण मिलेगा जिससे लौकी की बेल में अनगिनत मात्रा में लौकी लगेगी।