गेहूं की फसल में बंपर उत्पादन लेने के लिए दूसरी सिंचाई के बाद इस चीज का छिड़काव जरूर करना चाहिए जिससे गेहूं की बालियों में भी दाने बड़े और चमकदार होते है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कौन चीज है।
गेहूं की बालियों से भर जाएगा पूरा खेत
गेहूं की खेती में दूसरी सिंचाई बुआई के 45-50 दिनों बाद करनी चाहिए। किसानों ने गेहूं की बुआई अक्टूबर नवंबर में की थी गेहूं की पहली सिंचाई हो चुकी है अब दूसरी सिंचाई का समय आ चूका है। गेहूं की फसल में बंपर उत्पादन लेने के लिए दूसरी सिंचाई के बाद इस चीज का छिड़काव जरूर करना चाहिए जिससे कल्ले मजबूत होते है और गेहूं के दाने चमकदार, स्वस्थ और वजनदार होते है गेहूं की फसल में तरल उर्वरक का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद साबित होता है क्योकि दानेदार उर्वरक के मुकाबले तरल उर्वरक की कीमत बेहद कम होती है। तो चलिए जानते है कौन सी चीज है।
दूसरी सिंचाई के बाद करें इस चीज का छिड़काव
हम आपको गेहूं की फसल में दूसरी सिंचाई के बाद तरल एनपीके और पोटाश के छिड़काव के बारे में बता रहे है तरल एनपीके और पोटाश गेहू की फसल के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी उर्वरक होते है। इनका इस्तेमाल गेहूं की फसल में करने से गेहूं के पौधों की दोगुना ग्रोथ तेजी से होती है साथ ही देरी से निकलने वाले कल्ले भी बहुत ज्यादा मजबूत होते है। गेहूं की फसल में दूसरी सिंचाई के बाद इन दोनों तरल उर्वरक का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए जिससे उत्पादन कई गुना बढ़ाता है।
कैसे करें उपयोग
गेहूं की फसल में दूसरी सिंचाई के बाद तरल एनपीके और पोटाश का उपयोग बहुत फायदेमंद और उपयोगी साबित होता है तरल एनपीके का उपयोग करने के लिए 1 किलो लिक्विड एनपीके को 120 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव करना चाहिए इसके अलावा 1 किलो पोटाश को 150 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव कर सकते है। ऐसा करने से गेहूं का उत्पादन बढ़ जाता है और हरी भरी बालियों से पूरा खेत भरा हुआ दिखाई देने लगता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।
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