आलू की फसल में अगर ब्लाइंड नामक रोग लग जाता है तो फसल बर्बाद हो सकती है किसानों को भारी नुकसान हो सकता है तो चलिए इस लेख में जानते हैं यह कौन सा रोग है इसके पहचान कैसे करें और उपाय के लिए कौन सी दवा का छिड़काव करें
सर्दियों में आलू की फसल में ब्लाइट रोग
पाला-कोहरा की वजह से आलू की फसल में ब्लाइट नामक रोग लग जाता है। ब्लाइट को अर्ली ब्लाइट और लेट ब्लाइट के नाम से भी जानते हैं। जिसमें पत्ते पीले काले होकर धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। इससे पत्तियों के किनारों और सिरे पर गहरे भूरे रंग के धब्बे दिखते हैं। ब्लाइट नामक रोग से 70% तक उत्पादक किसानों को कम मिलता है। यानी की बहुत ज्यादा घाटा हो जाता है। यह रोग तेजी से फैलता है। जिसकी वजह से 4 से 5 दिन में ही पूरी फसल खराब हो जाती है। तो चलिए इस रोग के लिए कुछ फंगीसाइड भी है जिन्हें डालने से इनसे छुटकारा मिल सकता है।
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टॉप 5 फंगीसाइड
अर्ली ब्लाइट या लेट ब्लाइट नामक रोग आलू की फसल में लग रहा है तो नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार दवा का नाम और मात्रा जाने जिसका छिड़काव करके इस रोग से फसल को बचा सकते हैं। आप इस दवा का छिड़काव रोग की शुरुआत और रोग फैलने के बाद भी कर सकते हैं-
- बायर इनफिनिटो का इस्तेमाल 600 ML प्रति एकड के अनुसार कर सकते है।
- कर्ज़ेट M8 का इस्तेमाल 600 ग्राम प्रति एकड के अनुसार कर सकते है।
- पीआई विस्मा का इस्तेमाल 500 ML प्रति एकड के अनुसार कर सकते है।
- BASF कैब्रियो टॉप का इस्तेमाल 600 ग्राम प्रति एकड के अनुसार कर सकते है।
- सिजेंटा रेवस का इस्तेमाल 160 ML प्रति एकड के अनुसार कर सकते है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी (Agriculture tips) किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।
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