खेत में बोरिंग कराने के लिए सरकार आर्थिक रूप से मदद कर रही है। किसानों के खेत में बेहद कम लागत में बोरिंग मिल जाएगी। इसके लिए इच्छुक किसान 15 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। चलिए योजना के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।
बोरिंग के लिए सब्सिडी
किसान अगर समय पर सिंचाई करते हैं तभी उन्हें अच्छी पैदावार मिलती है। लेकिन बोरिंग करने में किसानों को बड़ा खर्च बैठता है। इसलिए किसानों की सरकार आर्थिक मदद करने के लिए बोरिंग पर भी सब्सिडी दे रही है। जी हां आपको बता दे की खेती किसानी में अधिकतर चीजों में सब्सिडी मिल जाती है। जिसमें आज हम जिस योजना की बात कर रहे हैं। उसमें सभी वर्ग के किसानों को सब्सिडी मिल रही है। बस फर्क यह है कि कुछ वर्ग के किसानों को 50 तो कुछ वर्ग के किसानों को 80% तक सब्सिडी मिल रही है यह योजना बिहार राज्य सरकार की है तो चलिए पहले योजना का नाम जानते हैं।
निजी नलकूप योजना
मुख्यमंत्री सात निश्चय पार्ट 2 के अंतर्गत निजी नलकूप योजना में किसानों को सिंचाई के लिए बोरिंग करने पर सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें सामान्य वर्ग के किसानों को 50%, एससी एसटी वर्ग के किसानों को 80 फ़ीसदी और पिछड़ा वर्ग के किसानों को 70 फ़ीसदी सब्सिडी दी जा रही है। यहां पर किसानों को लाभ लेने के लिए अपने खेत में बोरिंग करवाना होगा। इसके बाद उसकी फोटोग्राफी करके वह बोरिंग के लिए अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। जिससे लागत कम हो जाएगी।
लेकिन इसके लिए किसान के पास यह घोषणा पत्र होना चाहिए कि उन्होंने पहले किसी अन्य संस्थान से नलकूप के लिए वित्तीय सहायता नहीं ली है। चलिए जानते हैं आवश्यक दस्तावेज और आवेदन कहां करना है।
आवेदन की प्रक्रिया
निजी नलकूप योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। जिसके लिए उनके पास खेती करने के लिए भूमि होनी चाहिए। आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और अन्य किसी संस्थान से नलकूप के लिए वित्तीय सहायता नहीं ली है इसका घोषणा पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आदि दस्तावेज चाहिए होंगे। इसके बाद वह मुख्यमंत्री निजी नल कूप योजना के पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 15 जनवरी तक की तारीख है। आवेदन करने के लिए, अगर आपने बोरिंग कर लिया है उसकी फोटो भी जमा कर दी है, तो जांच होने के बाद अनुदान का लाभ मिल जाएगा।
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