किसानों के काम को आसान करने के लिए कई तरह की कृषि यंत्र आ गए हैं। जिसमें अब मध्य प्रदेश के जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय में एक खास मशीन बनाई जा रही है। जिससे धान की बुवाई के साथ धान की खेती के तीन काम एक साथ किसान कर सकते हैं। जिससे धान की खेती की लागत कम हो जाएगी। इस मशीन का डेमो लिया जा रहा है चलिए आपको बताते हैं यह मशीन क्या-क्या काम करती है।
कृषि विश्वविद्यालय में बनी शानदार मशीन
शुरुआत के समय में किसानों के लिए खेती का काम बहुत कठिन हुआ करता था। यही वजह थी कि सभी खेती नहीं कर पाते थे। लेकिन अब खेती का काम आसान हो गया है। पढ़े-लिखे युवा भी खेती कर रहे हैं। क्योंकि खेती का भी हर काम मशीनों के द्वारा बिना मेहनत के और समय पर किया जा सकता है। जिससे लागत भी कम आती है। खेत की जुताई हो, बीज बुवाई हो, खाद का छिड़काव हो, फसल की कटाई हो, हर काम कृषि यंत्र की मदद से किसान कर सकते हैं।
जिसमें अब मध्य प्रदेश के जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में किसानों के लिए एक नई मशीन बनाई गई है। जिससे धान की खेती के तीन काम एक साथ किये जा सकते हैं। इससे मजदूरों की समस्या खत्म हो जाएगी और कम लागत और सही समय पर किसान धान की खेती करके अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। चलिए जानते हैं मशीन का नाम क्या है।
प्रिसिजन हिल सीडर
इस मशीन का नाम प्रिसिजन हिल सीडर है, यह गाड़ी के अकार की मशीन है। इस तरह के पांच मशीन बनाई गई है। यह एक धान सीडर मशीन है। धान के बीजों की बुवाई के साथ-साथ यह खाद का छिड़काव खेत की जुताई तीनों कम कर देती है। इससे किसान अगर धान के बीजों की बुवाई करते हैं तो जुताई, बीज वितरण, खाद डालने का काम साथ में हो जाएगा और सही मात्रा में बीज लगेगा, खाद का छिड़काव भी अच्छे से होगा। जिससे अंकुरण अधिक होगा।
इस मशीन को किसान लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं, यह जल्दी गर्म नहीं होगी। इसमें 4 एचपी का एयर कूल्ड इंजन लगाया गया है 1 घंटे में एक लीटर से भी कम तेल की खपत करती है और एक हेक्टेयर की जमीन में 21 किलो बीज की बुवाई इससे होती है।
धान सीडर (Paddy Seeder) मशीन के फायदे
धान सीडर मशीन के कई फायदे हैं। इससे बीज बुवाई के लिए मजदूरों की जरूरत नहीं होगी। खेत की जुताई के लिए ट्रैक्टर की जरूरत नहीं होगी और खाद के छिड़काव के लिए भी अलग से मशीन नहीं लगानी पड़ेगी। यानी की तीन मशीनों का काम यह एक मशीन खुद कर देती है। इससे एक साथ तीनों काम हो जाएंगे और अगर सही तरीके से बीच की बुवाई होगी तो बीज की मात्रा भी कम लगेगी। यानी कि बीज की लागत भी कम हो जाएगी। इसके अलावा पैदावार अधिक होगी। क्योंकि सही तरीके से बीज की बुवाई होगी, खाद भी बीजों को सही मात्रा में मिलेगा।
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