गेहूं की देर से बुवाई करने के लिए ये गेहूं की किस्म बहुत लाभकारी मानी जाती है इनकी खेती कम दिनों में पूरी हो जाती है और अधिक पैदावार देती है। तो चलिए देर से बुवाई करने वाली गेहूं की उन्नत वैरायटी के बारे में जानते है।
गेहूं की बुवाई में हो गई है देर तो घबराए नहीं !
गेहूं की बुवाई का सामान्य समय नवंबर-दिसंबर का महीना है लेकिन अगर किसी कारण से कुछ किसानों को बुवाई करने में देरी हो गई है तो घबराने या टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं अभी भी गेहूं की बुआई की जा सकती है। आज हम आपको कुछ ऐसी गेहूं की वैरायटी के बारे में बता रहे है जिनकी बुवाई देर से ही की जाती है। ये किस्म बहुत ज्यादा गुणकारी होती है इनकी उपज क्षमता भी बहुत अधिक होती है। और इनको तैयार होने में भी ज्यादा दिन नहीं लगते है तो चलिए जानते है कौन सी किस्म है।
एच आई 1563 गेहूं की वैरायटी
हम आपको जिन किस्मों के बारे में बता रहे है उनमे सबसे पहली गेहूं की किस्म का नाम एच आई 1563 है। एच आई 1563 गेहूं की एक उन्नत किस्म है जिसकी बुआई सिंचित ज़मीन में देर से की जाती है। ये देर से गेहूं की बुवाई करने वाले किसानों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है। इसकी उपज क्षमता 51.70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। ये वैरायटी करीब 110 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
डीबीडब्ल्यू 107 गेहूं की वैरायटी
गेहूं की डीबीडब्ल्यू 107 किस्म की खेती किसानों के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी होती है इसकी डिमांड बाजार में बहुत अधिक मात्रा में होती है। आपको बता दें डीबीडब्ल्यू 107 गेहूं की एक पछेती किस्म है। एक एकड़ में गेहूं की डीबीडब्ल्यू 107 किस्म की खेती करने से करीब 41.3 क्विंटल तक की पैदावार होती है। ये वैरायटी की खेती बुवाई के बाद करीब 100 से 122 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। गेहूं की देर से बुवाई करने वाले किसानों के लिए गेहूं की ये किस्म बहुत अच्छी मानी जाती है।
HD 3118 गेहूं की वैरायटी
गेहूं की HD 3118 किस्म पूसा वत्सला के नाम से भी जानी जाती है। गेहूं की इस वैरायटी की खासियत ये है की ये पीले और भूरे रतुए रोग के प्रतिरोधी होती है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने से करीब 50 क्विंटल तक पैदावार होती है लेकिन अनुकूल परिस्थितियों में इसकी उपज 70 से 72 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। बुवाई के बाद गेहूं की HD 3118 किस्म की फसल करीब 100 से 112 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। कुछ किसानों को खरीफ़ की फसल में देरी से कटाई या मानसून के ऊपर-नीचे होने की वजह या किसी और कारण से गेहूं की बुवाई लेट करनी पड़ती है ऐसे में देर से बुवाई के लिए भी इस किस्म का चयन किया जा सकता है।