केसर की खेती से किसान अधिक मुनाफा कम जमीन से कमा सकते है। चलिए जानते है केसर की खेती के बारें में पूरी जानकारी-
केसर की खेती
देश के किसी कोने से किसान केसर की खेती कर सकते हैं। केसर खेती में मुनाफा है। क्योंकि लाखों में इसकी कीमत होती है। केसर को मसाले का राजा कहा जाता है। केसर की खेती सिर्फ खेतों में ही नहीं बल्कि एक बंद कमरे में किसी जगह पर भी की जा सकती है। केसर को दुनिया का सबसे महंगा मसाला कहा जाता है। चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि केसर की खेती कब की जाती है, केसर की खेती के लिए बढ़िया जलवायु क्या है, कश्मीरी केसर की खेती कैसे करें, केसर की कीमत क्या है, और एक बंद कमरे में केसर की खेती कैसे की जाती है।
कब करें केसर की खेती ?
केसर की खेती में समय का महत्वपूर्ण स्थान होता है। जिसमें हम नीचे आपको जलवायु भी बताएंगे लेकिन पहले समय की बात कर ले तो मध्य जुलाई से लेकर के मध्य अगस्त के बीच किसान केसर की खेती कर सकते हैं। यह सबसे बढ़िया समय माना जाता है। कुछ किसानों का कहना है कि केसर की रोपाई के लिए बढ़िया समय अगस्त से सितंबर के बीच होता है। इस समय मौसम ठंडा और शुष्क रहता है। जिसमें बिजाई मध्य जुलाई से मध्य अगस्त के बीच ही करते हैं।
केसर खेती के लिए जलवायु
केसर की खेती अगर किसान खेत में कर रहे हैं तो उसके लिए उन्हें जलवायु का ध्यान रखना पड़ता है। केसर के लिए बढ़िया जलवायु की बात करें तो ठंडी और शुष्क जलवायु अच्छी होती है। केसर के पौधों को प्रतिदिन 12 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है। केसर के लिए गीली मिट्टी बढ़िया होती है। केसर की खेती किसान कंद से करते हैं कंद के बीच की दूरी 1 सेमी रखें। केसर की खेती से अधिक उत्पादन लेने के लिए सड़ी पुरानी गोबर खाद का इस्तेमाल करें। केसर को बारहमासी फसल माना जाता है। एक बार बुवाई करके 10 से 15 साल तक इसके कंद से दोबारा खेती किसान करते रहते हैं।
कश्मीरी केसर की खेती
कश्मीर में जिन केसर की खेती होती है उन्हें कश्मीरी केसर के नाम से जाना जाता है। कश्मीर में पैदा होने वाले केसर की डिमांड अब विदेशों में भी है। भारत में इसे जीआई-टैग भी मिला हुआ है। इसे जीआई-टैगके साथ इस यूनाइटेड अरब अमीरात में भी लॉन्च किया गया है। कश्मीरी केसर को उर्दू में जाफरान भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल कई औषधि दवाइयां में भी किया जाता है। कश्मीरी केसर की खेती जम्मू कश्मीर के पंपोर और बडगाम और श्रीनगर में की जाती है। चलिए नीचे लेकर बिंदुओं के अनुसार कश्मीरी केसर की खेती के बारे में जानते हैं-
- केसर की खेती के लिए मिट्टी की बात करें तो बलुई, दोमट, और रेतीली मिट्टी में भी कर सकते है।
- जिसमे कैल्शियम कार्बोनेट की मात्रा बढ़िया हो।
- मिट्टी का पीएच 6 से 8 के बीच हो।
- जिसमे नाइट्रोजन, फ़ॉस्फ़ोरस, पोटाश और गोबर की पुरानी खाद दाल सकते है।
- केसर के पौधे को समुद्र तल से लगभग 2,000 मीटर की ऊंचाई पर ठंडी जलवायु अच्छी लगती है।
- गर्मी के समय केसर के लिए तापमान 35-40 डिग्री सेल्सियस से आदिक नहीं चाहिए।
- वहीं सर्दी में 15 से 20 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं होना चाहिए।
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केसर की कीमत क्या है?
केसर की कीमत की बात करें तो साल 2024 की शुरुआत के साथ ही 1 किलोग्राम केसर की कीमत 1.50 लाख से लेकर 3.5 लाख रुपए के बीच में रही है। वही केसर की मंडी भाव की बात करें तो दिसंबर 2024 में नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार केसर के मंडी भाव क्विंटल के अनुसार देख सकते हैं-
- औसत मूल्य 40,00000 रूपए क्विंटल है।
- न्यूनतम मंडी मूल्य 40,00000 रूपए क्विंटल है।
- उच्चतम मंडी मूल्य 40,00000 रूपए क्विंटल है।
कमरें में केसर की खेती
कमरें में केसर की खेती कर सकते है। जिसमें केसर की एरोपोनिक फार्मिंग की जाती है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी से यह खेती होती है। केसर की एरोपोनिक फार्मिंग की पढाई कश्मीर में भी कर सकते है। इस तरह से केसर की खेती करने पर मिट्टी की जरुरत नहीं होती है। इस तरह की खेती में पौधों को हवा में लटकाकर धुंध के माध्यम से उन्हें पोषक तत्व दिया जाता है। इससे पानी की भी बचत होती है और ज्यादा अच्छे से पोषक तत्व मिलता है। पर्यावरण पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जिसमें कमरे में खेती के लिए कमरे का आकार सही होना चाहिए।
केसर की एरोपोनिक खेती के लिए, कमरे में थर्मामीटर, एयर कंडीशनर, डिजिटल ह्यूमिडिफ़ायर, लकड़ी की अलमारियां, ट्रे स्लॉटेड एंगल रैक, CO2 एक्सट्रैक्टर, और कमरे का इन्सुलेशन आदि चीजे होनी चाहिए। वहीं तापमान की बात करें तो केसर की खेती के लिए, कमरे का तापमान 15°C-20°C बीच ठीक माना जाता है। जिसमें नियंत्रित तापमान और वायु प्रवाह के लिए चिलर और मापने वाले सेंसर का इस्तेमाल करते है। इसके आलावा बता दे कि कमरे की नमी 40% से 60% के बीच रखे। इससे अच्छी फसल होगी।
गमले में केसर कैसे उगाए
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए गमले में केसर कैसे उगाएं-
- केसर उगाने के लिए आपके पास केसर के बल्ब होने चाहिए। जिसे घर बैठे अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स साइट से ऑनलाइन मंगवा सकते हैं।
- इसके बाद हम मिट्टी तैयार करेंगे। जिसमें जल निकासी वाली मिट्टी बनाना है। इस मिट्टी को बनाने के लिए 50% मिट्टी में, 30% खाद और 20% नदी की रेत मिलानी है। खाद में आप पुरानी सड़ी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट खाद ले सकते हैं।
- गमले में लगा रहे हैं तो पानी के निकासी का ध्यान रखें बढ़िया गमलें में छेद कर दे।
- इसके बाद पत्थर आदि से छेद को ढक कर मिट्टी भरे।
- फिर लगभग 3 इंच की गहराई में बल्ब मिट्टी में दबाए।
- यहां पर दो बल्बों के बीच में थोड़ा दूरी रखना है क्योंकि एक बल्ब में ही बाद में दूसरे बल्ब निकलने लगते हैं।
- बल्ब लगाने के बाद पानी देना है और गमले को धूप वाली जगह पर रखना है।
- 10 दिन में अंकुरण दिखाई देगा।
- केसर में फूल आने में 4 से 5 महीने का समय लगेगा।
- अगर जून में पौधे लगाते हैं तो नवंबर में आपको फूल दिखाई देंगे।
- केसर उगने के लिए तापमान की बात करें तो 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान हो तो बेहतर होता है। फूल बनते समय केसर को 23 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान चाहिए होता है। अगर फूल आते समय 30 से अधिक डिग्री सेल्सियस में तापमान जाता है तो फूल नहीं आएंगे जिससे नुकसान हो सकता है।
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