अंजीर की खेती आज के समय में कई किसान करते हैं। लेकिन सरकार की तरफ से किसानों को अंजीर की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है अंजीर की खेती को लगातार बढ़ावा देने के लिए सरकार ‘अंजीर फल विकास योजना’ को चलाती नजर आ रही है। इस योजना के चलते किसानों को सरकार की तरफ से अंजीर की खेती करने के लिए भारी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए सभी किसानों को आवेदन करना होगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अंजीर उत्पादन
अंजीर का उत्पादन कई राज्यों में किया जाता है। वहीं भारत अंजीर के उत्पादन में लगभग 12 नंबर पर है। आपको बता दे की अंजीर की खेती अधिकतर महाराष्ट्र गुजरात उत्तर प्रदेश कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ कोयंबटूर के पश्चिमी हिस्सों में की जाती है। सरकार की तरफ से बिहार में इसकी खेती को बढ़ावा मिल रहा है साथ ही किसान अंजीर की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
सरकार की योजना
बता दे बिहार कृषि विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहां है कि अंजीर फल विकास योजना का उद्देश्य यही है कि अंजीर की खेती को बढ़ावा दिया जाए। इसकी सहायता से राज्य में खेती का क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ाया जाए। इतना ही नहीं इस योजना के जरिए किसानों की कमाई भी बढ़ेगी और साथ ही अंजीर की खेती करके सहायतानुदान मिलेगा। राज्य के सब जिलों में अंजीर फल विकास योजना का विस्तार किया जाएगा।
किसानों को मिलेगी सब्सिडी
अंजीर की खेती को बढ़ावा देने के लिए और उसका उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से अंजीर की खेती करने वाले किसानों को ₹50000 की सब्सिडी जा रही है। इतना ही नहीं यह राशि तीन किस्तों में किसानों को मिलेगी। अंजीर की खेती करने वाले किसानों को पहले साल ₹30000 का सहायता अनुदान मिलेगा वहीं दूसरे और तीसरे साल 10, 10000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार किसानों को किस्तों में सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
किसे मिलेगा योजना का लाभ
सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना का फायदा न्यूनतम 0.25 एकड़ से लेकर अधिकतर 10 एकड़ जमीन वाले किसानों को दिया जाएगा। वही इस योजना का फायदा केवल रैयत कृषक जमीन के कागजात के आधार पर उठा सकते हैं। अगर किसान का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद में स्पष्ट तौर पर नहीं है तब ऐसे में भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ में वंशावली लगाना बेहद जरूरी है।
इस योजना में आवेदन करने के इच्छुक किसानों को आवेदन करने से पहले डीबीटी में पंजीकरण बैंक खाता संबंधित विवरण की जांच खुद करना चाहिए। बता दे की लाभुकों का चुनाव सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20% और अनुसूचित जनजाति के लिए 1.44 प्रतिशत किया जाना है वहीं प्रत्येक श्रेणी में 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होने वाली है।
आवेदन का तरीका
सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। जितनी जरूरी जानकारी मांगी जाए उसको सही-सही भरना होगा। इस प्रकार आप आवेदन कर सकते हैं।