जीवन-यापन के साथ-साथ खेती किसानी के लिए भी पानी की जरूरत होती है। जिसके लिए सरकार फ्री में कुआं खोद कर दे रही है, चलिए जानते हैं योजना क्या है, किसे लाभ मिलेगा-
फ्री में कुआं खोद रही सरकार
पानी के साथ किसानों को कुआं एक पुराना साधन है, लेकिन आज भी यह लोगों की पानी की समस्या को दूर कर रहा है, पहले के समय में कुआं बहुत ज्यादा मान्यता रखता था। लेकिन आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पानी के साधन नहीं है लोगों को दूर-दूर तक चलकर पानी लेने जाना पड़ता है। जिससे खेती किसानी भी नहीं हो पाती है। इसीलिए सरकार ऐसे लोगों को फ्री में कुआं खोद कर दे रही है। इस योजना के अंतर्गत लोगों को निजी या सरकारी जमीन में कुआं खुदवाने का मौका मिलता है। यह कुआ सरकार खोद कर देती है चलिए जानते हैं योजना क्या है।
कूप निर्माण योजना
छोटे और सीमांत किसानों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना चलाई जा रही है। जिसमें से किसानों को सिंचाई के लिए फ्री में कुआं भी खोद कर दिया जा रहा है। कूप निर्माण योजना का लाभ उठाकर सिंचाई के साधन के लिए कुआं का निर्माण करवा सकते हैं। जहां पर पानी की असुविधा है वहां कुआं का निर्माण करने के लिए इस योजना का लाभ ले सकते हैं। पंचायती राज विभाग के द्वारा कुएं का निर्माण कराया जाता है जिसमें कुमार निर्माण के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है।
दरअसल हम मनरेगा अधिनियम 2005 की संशोधित अनुसूची एक के पैरा 4 (1) की बात कर रहे हैं जिसमें कमजोर वर्ग के लोगों को अपनी निजी भूमि पर सिंचाई सुविधा के लिए कुआं निर्माण करने की बात कही गई है।
हर पंचायत में भी से 25 कुएं बनाए जाएंगे
कई ऐसी ग्राम पंचायत हैं जहां पर हर कोने में एक कुआं है पानी की असुविधा नहीं है। लेकिन कुछ ग्राम पंचायत हैं जहां पर पानी की आज भी असुविधा देखने को मिल रही है। इसीलिए सरकार का उद्देश्य है कि हर साल ग्राम पंचायत में 20 से 25 कुएं का निर्माण हो। जिससे सिंचाई की व्यवस्था हो सके। सार्वजनिक और निजी जमीन में भी कुआं खुदवा सकते हैं। जहां पर सिंचाई का वैकल्पिक साधन उपलब्ध नहीं है। वहां पर कुआं एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
कुआं से एक फायदा यह भी रहता है की बारिश के समय उसमें पानी भर जाता है। जिससे जल स्तर बढ़ता है। इस तरह कुआं सिंचाई का एक अच्छा साधन है और यह एक पुराना विकल्प भी है।