सरकार किसानों के लिए हमेशा ही नई-नई योजनाएं बनाते रहती है ताकि उनको योजनाओं का लाभ मिल सके। किसानों को किसी प्रकार से कोई आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े इसलिए सरकार हमेशा ही यह कदम उठाती है। ताकि सरकार की योजनाओं के चलते किसानों को सहायता प्राप्त हो सके। बता दे खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि अभी फसल के काटने के बाद में लिए गए लोन आंकड़ा लगभग 21 लाख रुपए है। इतना ही नहीं इन्होंने यह भी कहा कि ई-एनडब्ल्यूआर के बेस पर लोन की राशि केवल 400 करोड़ रुपए ही है।
किसाने की हुई बल्ले बल्ले
सरकार किसानों के लिए कोई ना कोई नई योजना लेकर आते हैं ताकि इस देश के अन्नदाता को किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। आपको बता दे कि भारत में लगभग 70% लोग खेती करते हैं। खेती के जरिए ही किसानों का विकास होता है। इसी के चलते सरकार में यह बड़ा कदम उठाया है।
किसानो की आय को डबल किया जाए इसके लिए सरकार एक जबरदस्त स्कीम लेकर आई है। बता दे केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने लोन गारंटी स्कीम को लांच कर दिया है। यह स्कीम किसानों के बहुत काम आएगी। इतना ही नहीं इसका मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को फसल की कटाई के बाद में अगली फसल के लिए बहुत ही कम शर्तों पर लोन मिल जाएगा। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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सरकार की नई योजना
सरकार आए दिन कोई ना कोई योजना लॉन्च करते रहती है। फिलहाल सरकार की तरफ से एक और नई योजना को लांच किया गया है। आपको बता दे केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य है कि किसानों को इस योजना के चलते इलेक्ट्रॉनिक वेयरहाउस रिसेट यानी ई-एनडब्ल्यूआर का फायदा मिल सके। इस योजना का लाभ उठाते हुए किसान फसल की कटाई के बाद में बहुत ही आसानी से इस लोन का लाभ उठा सकेंगे।
इस बात की संभावना है कि यह योजना कृषि क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाने का काम कर सकती है। इस योजना के चलते किसानों को ई-एनडब्ल्यूआर के तहत अपनी फसल को वेयरहाउस में सुरक्षित रखवाने और उसके बेस पर लोन उठाने की सुविधा प्राप्त होगी। इतना ही नहीं वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलरली अथॉरिटी की और से रजिस्टर्ड रिपॉलीजिटी की सहायता प्राप्त हो जाएगी। इतना ही नहीं इस लोन की प्रक्रिया भी बहुत ही आसान हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की ने इस योजना के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपए का बजट तय किया है और इसकी व्यवस्था भी कर ली है।
किसानों को मिलेगा लाभ
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का मुख्य कारण यह है कि किसानों को लोन देने के लिए बैंकों को प्रोत्साहित करना है। वहीं खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का कहना है कि हाल ही में फसल काटने के बाद में लगभग लोन के आंकड़े 21 लाख रुपए तक पहुंच चुके हैं। इतना ही नहीं इन्होंने बताया कि ई-एनडब्ल्यूआर के बेस पर लोन की राशि केवल 4000 करोड़ रुपए है। जबकि अगले 10 सालों में इस राशि को बढ़ते हुए साढ़े 5 लाख करोड़ पर पहुंचने का मुख्य उद्देश्य रखा गया है।
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