Late Wheat Variety: कुछ किसान खेत तैयार या खाली नहीं होने की वजह से अभी तक गेहूं की बुवाई नहीं कर पाएं है ऐसे में आज हम आपको गेहूं की एक उत्तम वैरायटी के बारे में बता रहे है जिसकी बुवाई दिसंबर के अंत तक की जा सकती है।
दिसंबर के अंत तक कर लें गेहूं की ये किस्म की बुवाई
गेहूं की खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होती है लेकिन कुछ किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पाए है ऐसे में गेहूं की ये किस्म उन सभी किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है आपको बता दें ये किस्म कम दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी उपज क्षमता बहुत अधिक होती है। इसकी खेती में लागत मेहनत भी ज्यादा नहीं होती है। आप इसकी बुवाई दिसंबर के अंत तक कर सकते है और बंपर मुनाफा कमा सकते है। हम बात कर रहे है एच.आई. 1634 या पूसा अहिल्या वैरायटी की ये गेहूं की एक लोकप्रिय किस्म है। तो चलिए इसकी खेती के बारे में जानते है।

कैसे करें खेती
अगर आप गेहूं की एच.आई. 1634 यानि पूसा अहिल्या वैरायटी की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती के बारे में पहले अच्छे से जानना होगा जिससे आपको खेती करने में कोई परेशानी नहीं आएगी। आपको बता दें पूसा अहिल्या गेहूं की किस्म को देरी से बोने के लिए दिसंबर के अंत तक बोना चाहिए ये एक पछेती किस्म है और इसकी अवधि 105 से 110 दिनों की होती है। इसकी बुवाई के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में गोबर की खाद डालनी चाहिए। इसके बीज आपको बाजार में बीज भंडार की दुकान में आसानी से मिल जाएंगे। बुवाई से पहले बीजों को गोबर की खाद, गौ मूत्र, और नीम के तेल के घोल में 12 घंटे के लिए भिगोकर रखना चाहिए फिर धूप में सुखाकर बुवाई करनी चाहिए जिससे फसल में रोग कीट नहीं लगते है और उत्पादन बहुत जबरदस्त होता है।
कितनी होगी कमाई
अगर आप गेहूं की एच.आई. 1634 यानि पूसा अहिल्या वैरायटी की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त कमाई देखने को मिलेगी। क्योकि इसकी मांग बाजार में खूब ज्यादा मात्रा में होती है। और उपज क्षमता भी अधिक होती है। एक हेक्टेयर में पूसा अहिल्या वैरायटी की खेती करने से करीब 70.6 क्विंटल तक अधिकतम पैदावार देखने को मिल सकती है। आप इसकी खेती से 3 से 3.5 लाख रूपए तक की कमाई कर सकते है। देरी से बुवाई के लिए गेहूं की ये किस्म किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है।