सरकार ने ठाना, बढ़ेगी किसानों की आय, किसान पाठशाला में मिलेगा खेती का ज्ञान, जानिए कब, कहां और कैसे। जिससे हर इंसान सही तरिके से खेती करके हो मालामाल।
किसान पाठशाला
किसानों की आर्थिक मदद करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। इसके साथ ही समय-समय पर किसानों को खेती बाड़ी के बारे में भी जानकारी देती रहती है, और कृषि यंत्रो पर अच्छी खासी सब्सिडी भी दे रही है। लेकिन अधिकांश किसान ऐसे हैं जिनको सरकारी योजनाओं, सरकार के द्वारा मिलने वाली सब्सिडी, और ज्यादा उत्पादन देने वाली फसल आदि के बारे में जानकारी नहीं होती। जिसके कारण किसान आमदनी नहीं बढ़ा पाते।
लेकिन सरकार ने किसानों के लिए किसान पाठशाला की व्यवस्था की है। जिसमें कुछ समय में किसानों को प्रशिक्षकों की मदद से प्रशिक्षण दिया जाएगा और इससे किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए ज्यादा उत्पादन देने वाली फसल की किस्म के बारे में बताया जाएगा। साथ ही खेती किसानी से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी उन्हें बताया जाएगा। इतना ही नहीं पशुपालन से जुड़ी जानकारियां भी दी जाएगी।
कुल मिलाकर बात यह हैं कि सरकार किसान पाठशाला के जरिए किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के तरीके बताएगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुहिम चलाई जा रही है। जिसमें किसानों को चार चरणों के अंतर्गत किसान पाठशाला के जरिए खेती किसानी के बारे में जानकारी दी जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि किसान पाठशाला में प्रशिक्षण कौन देगा और यह पाठशाला कब कहां कैसे लगेगी।
किसान पाठशाला में कौन देगा प्रशिक्षण
यह किसान पाठशाला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनपदीय स्तर पर लगाई जाएगी। जिनमें जनपदीय स्तर के अधिकारियों को ट्रेन किया जाएगा। जिसमें उन मास्टर ट्रेनर को ट्रेन होने के लिए विश्वविद्यालय या उच्चाधिकारियों कृषि विशेषज्ञों के द्वारा प्रशिक्षण मिलेगा और फिर इस जानकारी को लेकर यह मास्टर ट्रेनर जनपदीय कार्मिकों को प्रशिक्षित करेंगे। उसके बाद वह खरीफ किसान पाठशाला चार चरण में चलाएंगे। जो की अलग-अलग तारीखों पर आयोजित होगी। तो चलिए जानते हैं किस तारीख को, कितने जनपदों में यह पाठशाला चलेगी।
कब-कहाँ चलेगी किसान पाठशाला
किसानों की यह खरीफ किसान पाठशाला चार चरण में आयोजित होने जा रही है। जिसमें पहले चरण में 17 से 25 मई, 22 से 30 मई, 27 मई से 4 जून 2024 तक 37 जनपदों में आयोजित की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में 15 जनपदों में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा, तीसरे चरण में 12 जनपद और चौथे चरण में 3 से 11 जून तक 11 जनपदों में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तरह यहां पर इन तारीखों को इतने जनपदों में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिनमें उन्हें बताया जाएगा कि उनके गांव में कौन-सी फसल की खेती की जाए तो उन्हें ज्यादा उत्पादन मिलेगा। यानी की जलवायु परिस्थितियों के आधार पर उन्हें खेती से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। ताकि अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार वह पशुपालन या फिर खेती करके उत्पादन बढ़ा सके और अपनी आर्थिक स्थिति और बेहतर कर सके।