कड़ाके की सर्दी में भी गाय-भैंस नहीं होंगे बीमार, इन बातों का रखे ध्यान, एनिमल एक्सपर्ट से जाने सर्दियों में पशुओं को बीमार होने से कैसे बचाएं

सर्दियों में पशुओं के बीमार होने से पशुपालकों को भारी नुकसान होता है तो चलिए आज जान लेते हैं कि किन बातों का ध्यान रखना है, जिससे सर्दियों में पशु बीमार ना पड़े। यहाँ जाने सर्दियों में पशुओं को बीमार होने से कैसे बचाएं-

सर्दियों में पशुओं का बीमार होना

जब ठंड अधिक पड़ने लगती है तो पशुओं को भी इसका प्रभाव पड़ता है। जिसमें दूध कम हो जाना, विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलने आदि चीज देखने को मिलती है। जिससे पशुपालको को नुकसान होता है, दूध कम होता है तो कमाई कम होती है। पशु बीमार होते हैं तो डॉक्टर-दवाई आदि का खर्चा बैठ जाता है। इसके अलावा अन्य बीमारियां भी फैलती है। जिससे एक के बाद एक पशु को बीमार हो जाते है। जिसमें दिसंबर और जनवरी 2 महीने में ज्यादा पशुओं की देखभाल करनी चाहिए।

बस कुछ छोटी-मोटी बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर समय पर फैसला ले लेंगे तो अधिक खर्च नहीं आएगा। कमाई ज्यादा होगी। पशु बीमार नहीं होंगे। तो चलिए जानते हैं एनिमल एक्सपर्ट द्वारा क्या जानकारी दी गई है।

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सर्दियों में पशुओं की देखभाल कैसे करें

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए ठंड से पशु को कैसे बचाएं-

  • सर्दियों में भैंस के पशुपालकों के ध्यान रखना चाहिए कि अगर भैंस हीट में आती है तो उन्हें गाभिन कराएं।
  • अगर पशु दुधारू है और उनमें थनैला रोग नजर आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • इस समय हरा चारा देने के लिए किसान जई और बरसीम लगा सकते हैं। जिससे पशुओं को हरे चारे की कमी नहीं होगी।
  • पशुओं के पेट में अगर कीड़े पड़ते हैं तो उसके लिए भी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • सर्दियों में पशु विशेषज्ञों का कहना है कि पशुओं को कच्चा अनाज ना देकर मेथी और बाजरा जैसे अनाजों को पका कर खिलाना चाहिए। इसके अलावा दुधारू पशु को अधिक आहार चारा और दाना देना चाहिए।
  • पशुओं को सर्दियों में ठंडा नहीं पानी गुनगुना करके देना चाहिए।
  • सुबह या शाम के वक्त जब अधिक ठंड पड़ती है उस समय जूट का बोरा भी उन्हें ओढ़ा सकते हैं। एक किनारे पर सावधानी बरत कर आग लगा सकते हैं।
  • अगर खुरपका-मुंहपका बीमारी फैल रही है तो ऐसे में पशुओं का टीकाकरण करवाना चाहिए।

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