मध्य प्रदेश के सभी किसानों को मिलेगी बराबर खाद, सरकार ने बनाया धांसू प्लान, नए साल के साथ किए जाएंगे ये काम

मध्य प्रदेश के सभी किसानों को मिलेगी बराबर खाद, सरकार ने बनाया धांसू प्लान, नए साल के साथ किए जाएंगे ये काम।

किसानों को खाद की समस्या

किसानों को खाद की समस्या बहुत आ रही है। खेती-किसानी में अधिक पैदावार के लिए किसान खाद का इस्तेमाल करते हैं। इस खाद के लिए किसानों को रात दिन बराबर दुकानों के बाहर लाइन लगानी पड़ रही है। किसान रात में वही सो रहे हैं, पूरे परिवार के साथ लाइन में खड़े हो रहे हैं, जिसकी चर्चा देश भर में सुनने को मिल रही है। इसलिए सरकार ने भी अब कुछ फैसले लिए हैं। जिससे अब किसानों को इस खाद के संकट से राहत मिलेगी।

जी हां आपको बता दे की मध्य प्रदेश में खरीफ और रबी दोनों सीजन में किसानों को खाद को लेकर दिक्क़ते आ रही है। जिसको देखते हुए सरकार ने नए साल की शुरुआत के साथ कुछ नए कदम उठाने के निर्णय लिए हैं। जिससे किसानों को खाद की समस्या से राहत मिलेगी तो चलिए हम जानते हैं कि कितनी खाद की आपूर्ति अभी तक हुई है, अब दुकानों में कितना खाद उपलब्ध है, और सरकार नए साल के साथ कौन से नए फैसले लेगी।

बांटी गई खाद और उपलब्ध खाद का हिसाब

किसानों को खाद का वितरण लगातार किया जा रहा है। जिसमें मध्य प्रदेश के कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल किसानों को 34 लाख टन यूरिया खाद दी गई थी। वहीं इस साल की बात करें तो 25 लाख टन यूरिया किसानों को दिया जा चुका है और 5 लाख टन यूरिया दुकानों में अभी उपलब्ध है जो कि किसानों को दिया जाएगा। वही डीएपी और एनपीके की बात करें तो 14 लाख टन किसानों को दिया जा चुका है, डेढ़ लाख टन अभी किसानों को दिया जाएगा। लेकिन फिर भी बहुत किसान ऐसे हैं जिन्हें यह खाद नहीं मिल रही है और इसके जगह पर दूसरी खाद का किसान इस्तेमाल करने पर मजबूर है तो चलिए जानते हैं अब इस समस्या को कैसे सरकार हल करेगी।

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नए साल के साथ किए जाएंगे ये काम

खाद वितरण केन्द्रो की कमी के कारण किसानों को एक केंद्र में लंबी लाइन लगानी पड़ती है। इसलिए सरकार अब नए खाद वितरण केंद्र बनाएगी। जिसमें आपको बता दे कि अभी तक 9000 कुल खाद विक्रय केंद्र है। जिसमें निजी और सहकारी दोनों विक्रय केंद्र आते हैं। जिसमें 4.5 हजार के करीब प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति है और राज्य सहकारी विपणन संघ है के भी 500 विक्रय केंद्र है। अन्य निजी विक्रेताओं के भी विक्रय केंद्र हैं। लेकिन अब सरकार का फैसला है कि व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। जिन विक्रय केन्द्रो में किसानों की संख्या ज्यादा है वहां नए केंद्र बनाए जाएंगे।

यहां पर यह जानकारी मिल रही है कि जहां पर किसानों की संख्या 500 से ज्यादा है वहां पर सरकार नए केंद्र बनाकर देगी। ताकि ज्यादा लंबी लाइन लगाकर किसानों को खाद के लिए इंतजार ना करना पड़े। समय पर जब किसानों को जरूरत हो फटाफट उन्हें खाद मिल जाए और खाद की कमी ना आए इसके लिए भी सरकार काम करेगी।

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