1 पशु का मिलेगा 88 हजार रु, ऐसे कराएं पशु बीमा, जान-माल की हानि में नहीं होगा नुकसान। इस लेख में पशुओं का बीमा कैसे होगा, यह क्यों कराना चाहिए, इससे क्या फायदे यह सब कुछ जानेंगे।
पशु बीमा क्यों कराएं
पशुपालकों की कमाई ज्यादातर दुधारु पशु से ही होती है। लेकिन अगर दुधारू पशुओं की अचानक मृत्यु होती है तो उन्हें बड़ा नुकसान होता है। इस तरह अगर वित्तीय नुकसान से पशुपालक बचना चाहते हैं तो अपने पशु का बीमा करवा सकते हैं। जिसके लिए सरकार सरकारी योजनाएं चला रही है और उसके तहत पशुओं का बीमा कराया जाता है। इस तरह के जिनके पास कीमती मवेशी है और वह उनके नुकसान से बचना चाहते हैं तो पशु बीमा करवा सकते हैं। नहीं तो वह कर्ज के बोझ में डूब सकते हैं। इसीलिए पशुपालक वित्तीय हानि से बचने के लिए पशुओं की सुरक्षा के लिए बीमा कर सकते हैं। चलिए जानते है पशुओं का पशु बीमा योजना के बारें में।
पशुधन बीमा योजना
वित्तीय संकट से बचने के लिए पशुपालक पशुओं का बीमा करते हैं। जिसमें वह दुधारू पशुओं का बीमा कर सकते हैं। इसका प्रोसेस बहुत आसान है। बता दे की राष्ट्रीय पशु मिशन के अंतर्गत पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है। जिसमें बता दे की छोटे और बड़े पशुओं का बीमा अलग तरह से कराया जाता है। जिसकी कीमत भी अलग-अलग है। जिसमें मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे की ₹25 से लेकर के ₹300 तक दुधारू पशुओं का बीमा किया जाता है। जिसे बताया जा रहा है कि पशुपालक न्यूनतम पर पांच पशुओं की यूनिट तक का बीमा का लाभ उठा सकते हैं। चलिए जानते हैं कैसे होता है बीमा।
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पशुधन बीमा योजना का लाभ कैसे लें
पशुधन बीमा योजना में अलग-अलग राशि का बीमा कराया जा सकता है। जिसमें एक दुधारू पशु के आकस्मिक मृत्यु होने पर 88000 तक का मुआवजा दिया जाता है। इस तरह यह एक बड़ी रकम है। जिससे नुकसान से बचा जा सकता है। पशुधन बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए पशुपालक अपने पास के पशुपालन विभाग में के कार्यालय में जाकर उनसे संपर्क कर सकते हैं।
इसके अलावा आपके पास ऑनलाइन आवेदन करने का भी ऑप्शन है। यानी कि जैसा चाहे आप वैसे योजना के लिए आवेदन करके पशुओं का बीमा करवा सकते हैं। जिसमें dahd.nic.in/ national emblem/ पशुपालन और डेयरी विभाग /DEPARTMENT OF ANIMAL HUSBANDRY AND DAIRYING की साइट में जाकर सारी जानकारी लें सकते है।
जिसमें यूपी में अभी तक करीब चार प्रतिशत किसानों ने दूधारू पशुओं का बीमा कराया है। इसमें उन्होंने 376 रु का प्रीमियम देना होता है। जिसमें गरीब और भूमिहीन किसान लाभ उठा रहे है। फिर उन्हें पशु की मृत्यु पर मुआवजा मिलता है। बता दे कि पशु का बीमा होने पर उसपर टैग लगाया जाता है। जिसके गिरने पर बीमा कपंनी से सम्पर्क करना होगा।
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