दिवाली पर इसके सेवन से शरीर में साल भर फॉस्फोरस की कमी नहीं होगी, गमलें में ऐसे लगाएं, घर की सुंदरता के साथ सेहत भी बनायें।
इसके सेवन से फॉस्फोरस की कमी नहीं होगी
अगर आपको भी बागवानी का शौक है तो आज हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो देखने में भी उसकी पत्तियां सुंदर लगती हैं और उसके कंद की सब्जी भी बनती है। दिवाली में उसके सेवन से सेहत में कई फायदे होते हैं। इस समय खूब यह पसंद किया जाता है। लेकिन आसानी से नहीं मिलता है। गांव में लेकिन इसकी भरमार रहती है। जिनके घर एक बार लग जाता है तो फिर बिना मेहनत की यह उगता रहता है। यानी कि यह बिना मेहनत का पौधा है। लेकिन सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे शाकाहारियों का मटन भी कहा जाता है। शाकाहारियों के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है।
इसमें फास्फोरस अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है। इसमें ओमेगा 3, फैटी एसिड, मैग्नीशियम, सेलेनियम, जिंक अच्छी खासी मात्रा में होता है। याददाश्त बेहतर करता है। किसी चीज में फोकस, एकाग्रता करने में मदद करता है। दरअसल हम बात कर रहे हैं सूरन / जिमीकंद की जो की महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। इसकी पत्तियां देखने में सुंदर लगती हैं तो आप इसे सजावटी तौर पर भी लगा सकते हैं। चलिए अब हम आपको बताते हैं कि सूरन कैसे लगाएं किस मिट्टी में लगाने से बढ़िया रहता है।
गमलें में ऐसे लगाएं सूरन
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए सूरन / जिमीकंद कैसे लगाएं।
- सूरन बीजों से लगा सकते हैं। गमले में लगा रहे हैं तो बड़े आकार के गमले में लगाएं।
- सूरन लगाने के लिए भुरभुरी मिट्टी ले।
- इस पौधे को बढ़िया धूप की जरूरत होती है। गमला वहां रखें जहां पूरे दिन के बढ़िया धूप आती हो।
- इसे अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। कम पानी दीजिए। गमले में नमी रखिए।
- इसे बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। बस मिट्टी का ध्यान रखें जरूरी।
- गमलें में भी 8 से 10 किलो का कंद हो जाता है।
- मिट्टी खोदकर कंद निकाला जाता है।