पानी के टैंकर में खेती करके खुर्रमपुर गांव का किसान बना करोड़पति, आप भी खेती करके कमाओ करोड़ो

पानी के टैंकर में खेती करके खुर्रमपुर गांव का किसान बना करोड़पति, आप भी खेती करके कमाओ करोड़ो, आज समय के साथ ही लोगो की पसंद और नापसंद भी बदलती नजर आ रही है। लोग खेती में कई तरह के बदलाव करते नजर आ रहे है। वही किसानों का भी सोचने का तरीका बदल रहा है। आजकल किसान भी ऐसी खेती करने में कई तरह के नए तरीके अपना रहे है तो वही ऐसी खेती की और रुख कर रहे है जो उनको ज्यादा उत्पादन साथ तगड़ा पैसा कमा कर दे सके।

आज हम आपको एक ऐसी ही खेती के बारे में बताने जा रहे है जिसको आप बहुत आसानी से करके जबरदस्त उत्पादन करते हुए तगड़ी कमाई कर सकते है। इस खेती का नाम मोती की खेती है। एक किसान जो इसकी खेती करके अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहा है। आइए मोती की खेती के बारे में हम आपको विस्तार से बताते है।

कहां होती है मोती की खेती?

आजकल किसान खेती के जरिए अच्छा खासा पैसा कमा रहे है और नई-नई तकनिकी का इस्तेमाल करके खेती कर रहे है। आज की युवा पीढ़ी हर तरह से अपने टैलेंट का उपयोग करते नजर आ रहे है। जी हां हम ऐसे ही एक युवा किसान की बात कर रहे है जो मोती की खेती करके तगड़ा पैसा छाप रहा है। क्या आप जानते है की यह किसान गाजियाबाद के मुरादनगर के एक गांव खुर्रमपुर का रहने वाला है। यह किसान मोतियों की खेती करता है और अच्छा मुनाफा कमाता है।

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नौकरी छोड़ मोती की खेती करने लगा युवा

किसान गाजियाबाद के मुरादनगर के एक गांव खुर्रमपुर का रहने वाला है। इस किसान ने खेती को एक नई दिशा दे दी है। किसान जिस मोती की खेती करता है उसका उपयोग बहुमूल्य गहनों में किया जाता है। इस किसान के इस मोती की खेती करने के बाद से इस गांव का नाम प्रसिद्ध हो गया है। लोग इसके बारे में जानने लगे है। इस युवा किसान का नाम जीतेंद्र है। जीतेन्द्र पेशे से एक इंजिनियर है जो कुछ समय पहले किसी अच्छी कंपनी में नौकरी किया करता था।

लेकिन जब जीतेन्द्र ने मोती की खेती के बारे में जाना तो इसके प्रति उसकी उत्सुकता बढ़ने लगी और युवा किसान जीतेन्द्र से मोती की खेती के बारे में रिसर्च करना शुरू कर दिया और इसकी सारी जानकारी इक्कठा की जिसके बाद किसान ने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर से जुड़े सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर से ट्रेनिंग ली। और कई जगहों से मोती की खेती के बारे में सब पता करके इसकी खेती करना शुरू कर दिया।

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मोती की खेती

मोती की खेती का सबसे उपयुक्त समय अक्तूबर से दिसंबर का होता है। इसके साथ ही जीतेन्द्र का कहना है की शुरुआत में इन्होने पहले तो तालाब से खेती शुरू की थी लेकिन इसके चोरी होने के डर से उन्होंने घर में टैंकर बनवाकर इसकी खेती घर में ही शुरू कर दी। जिसमे मोती प्राकृतिक रूप से तैयार किये जाने लगे। टैंकर में जो सिप रखे जाते है उसमे बाहरी कण जब अंदर जाते है तब इसमें मोती बनने लगता है। इस प्रकार मोती तैयार होता है। मोती को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 18 से लकए 30 महीने का वक्त लग जाता है। इसके बाद यह बेचने के लिए तैयार हो जाता है।

मोती की खेती में लागत और कमाई

मोती की खेती करने के लिए जीतेन्द्र का कहना है की इस पूरी खेती के दौरान इनको चार टैंकर में खेती करने में लगभग 25 लाख का खर्चा आया था जिसमे बाद में इनको लगभग सवा करोड़ से ज्यादा का मुनाफा कमाया है। किसान के अनुसार मोती की खेती करके आप अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते है।