यह फसल है ATM की मशीन केवल एक एकड़ में होगा 4 लाख 80 हजार का तगड़ा मुनाफा, अदरक एक ऐसा मसाला है, जोकि खाने के स्वाद से लेकर आपके स्वास्थ्यवर्धक भी साबित होता है। अदरक एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल मसाले, औषधियों और सौंदर्य सामानो के जगह पर भी करते है। अदरक का उपयोग सर्दियों में खांसी, जुकाम जैसी परेशानियों के लिए भी इस अदरक का उपयोग करना बहुत ही आम बात है। इसके साथ ही अदरक का सोंठ के रूप में भी उपयोग करते है। अदरक के तेल और चूर्ण में भी इस औषधियों में इस्तेमाल करते है। अदरक की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
उपयुक्त जलवायु
अदरक की खेती करने के लिए उपयुक्त जलवायु की भी जरुरत पड़ती है। अदरक की खेती एक गर्म और नम जलवायु का पौधा कहा जाता है। इसकी खेती के लिए गर्म और आर्द्रता वाले जगहों की जरुरत पड़ती है। अदरक के पौधे की बढ़वार के वक्त अधिक पानी तो कटाई के वक्त सूखे हुए मौसम की जरुरत पड़ती है। इसके अच्छे उत्पादन के लिए लगभग 20 से लेकर 30 डिग्री तापमान सबसे अच्छा होता है। जिससे अधिक तापमान होने से फसल पर बहुत ज्यादा नुकसान आता है।
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उपयुक्त मिट्टी
अदरक की खेती के लिए आपको उपयुक्त मिट्टी की जरुरत पड़ती है। इसकी खेती के लिए बलुई, चिकनी, रेतीली, लाल या फिर लेटेराइट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसके अच्छे जल निकास वाली इस भूमि पर अच्छी अदरक का उत्पादन होता है। जिसके लिए मिट्टी का PH मान लगभग 5.6 से लेकर 6.5 होना जरुरी है।
अदरक की खेती का सही समय
अदरक की खेती का एक सही समय होता है। अदरक की खेती भारत देश में अलग-अलग मौसम में करते है। इसकी दक्षिण भारत में अदरक की बुआई मार्च से लेकर अप्रैल में करते है। वही उत्तर भारत में अदरक की फसल के बुआई का सही वक्त 15 मई से लेकर 30 मई तक है। जिसकी फसल परिपक्व होने में करीबन 8 से लेकर 9 माह तक का वक्त लग जाता है।
अदरक की खेती का तरीका
अदरक की खेती करने से पूर्व आपको इसके खेत को तैयार करना होता है। अदरक की खेती की तैयारी करने के लिए आपको लगभग दो बार आड़ी और तिरछी जुताई करते हुए पाटा चला करके खेत को समतल करना होगा। अदरक की सिंचाई की सुविधा और बोने की विधि के मुताबिक तैयार करने के लिए खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बांटना होगा। इसके उर्वरकों को अनुशंसित मात्रा का उपयोग करें और कई उर्वरकों को खड़ी फसल में बढ़वार के वक्त देना होगा।
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इस अदरक के बीज को मिट्टी में करीबन 3 से लेकर 4 इंच गहरा होना जरुरी है। ज्यादा ऊपर लगाते है तो अदरक ठीक नहीं होता है। अदरक एक बहुत ही लम्बे समय वाली फसल है। इस अदरक की बुआई के वक्त लगभग 25 से लेकर 30 टन/हेक्टेयर की दर से गोबर खाद या फिर कम्पोस्ट को बेडों के ऊपर में बिखेर करके अथवा बुआई के वक्त खेत में छोटे गढ्डे करके इसमें डालना होगा।
अदरक की कई उन्नत किस्म
अदरक की कई किस्में पाई जाती है जैसे सुरुचि, IISR महिंद्रा, IISR वरदा, रियो डी जेनेरियो, चाइना, वायनाड लोकल, टफनगिया, टेली रोल के लिए-रयो डी जेनेरियो, मारण, वायनाड मैनन, वुल्लूनाटू, अरनाडू यह सारी अदरक की उन्नत किस्म हैं।
लागत और कमाई
अदरक की खेती करके के लिए बहुत ही कम खर्चा आता है। अदरक की यह फसल लगभग 150 से लेकर 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्रदान करती है। इसकी एक एकड़ में लगभग 1 लाख 20 हजार रूपए का खर्चा आ जाता है। वही इसकी खेती को एक एकड़ में करके लगभग 120 क्विंटल अदरक की उपज होती है। अदरक का बाजार रेट लगभग 40 से लेकर 50 रूपए मिल जाता है। इसके मुताबिक एक एकड़ खेत में अगर आपको 40 के हिसाब से लगाते है तब लगभग 4 लाख 80 हजार रूपए की कमाई की जा सकती है। इसी प्रकार से एक 1 एकड़ में सब खर्च निकाल करके लगभग 2 लाख 50 हजार रुपए का किसानों को लाभ मिल सकता है। इस खेती से आप तगड़ी कमाई कर सकते है।