अक्टूबर के अंत में करें आलू की ये किस्म की खेती, 90 दिन में होती है तैयार, कम समय कम लागत में होता है धमाकेदार छप्परफाड़ मुनाफा, जाने किस्म।
आलू की ये किस्म से होगा बंपर मुनाफा
आलू की ये किस्म की खेती किसान भाइयों के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होती है क्योकि इसकी खेती कम समय और कम दिनों में पूरी हो जाती है। आलू की ये किस्म की खेती में ज्यादा खर्चा भी नहीं आता है। ये आलू की एक लोकप्रिय किस्म है इसकी खेती में उत्पादन भी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। आप इस किस्म के आलू की खेती से बहुत तगड़ी कमाई कर सकते है। हम बात कर रहे है कुफरी पुखराज आलू की खेती की ये आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए बेहतरीन किस्मों में से एक है। तो चलिए जानते है इसकी खेती कैसे की जाती है।
कैसे करें खेती
अगर आप आलू की इस बेहरीन किस्म की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती की जानकारी होनी चाहिए जिससे आपको खेती करने में परेशानी नहीं होगी। इसकी बुवाई के लिए सही समय अक्टूबर अंत से नवंबर अंत तक होता है। इसकी बुवाई से पहले खेत की मिट्टी को अच्छी तरह से भुरभुरी बनाने के लिए 3 से 4 बार गहरी जुताई करनी चाहिए और बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी रखनी चाहिए। लाइन से लाइन की दूरी 60 सेंटीमीटर और कंद से कंद की दूरी आलू के आकार के हिसाब से रखनी चाहिए। इसके पौधों में जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। कुफरी पुखराज आलू की बुवाई के बाद 90 दिन में फसल तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
अगर कुफरी पुखराज आलू की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत ज्यादा शानदार कमाई देखने को मिलेगी। इस आलू की सबसे ज्यादा खास बात ये है की कम दिनों में अच्छी पैदावार मिलती है। एक एकड़ में कुफरी पुखराज आलू की खेती करने पर करीब 200 से 250 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है। आप इसकी खेती से करीब 3 से 4 लाख रूपए की कमाई आराम से कर सकते है क्योकि इसकी डिमांड बाजार में बहुत अधिक मात्रा में होती है।
कितनी आएगी लागत
अगर आप आलू की इस किस्म की खेती करते है तो आपको इसकी खेती में मुनाफे के मुकाबले लागत बहुत ही कम देखने को मिलेगी। एक एकड़ में कुफरी पुखराज आलू की खेती करने के लिए करीब 50 से 55 हजार रूपए की लागत आ सकती है। क्योकि इसकी खेती में कुछ चीजों का खर्चा होता है जैसे बीज, खाद, सिंचाई, मजदूरी, जुताई जैसे कई चीजों का खर्चा होता है।