हम जिस योजना के बारे में बात कर रहे है उस योजना का नाम किसान क्रेडिट कार्ड योजना है। इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार की तरफ से साल 1998 में की गई थी। हमारे भारत देश को कोई भी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते है। इस योजना के जरिए ऋण योजना का एक मात्र उद्देश्य किसानों को बहुत ही कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाना है। जिसमे किसान 4 % ब्याज दर पर लगभग 3 लाख रुपये का ऋण उठा सकते हैं।
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अगर किसान इस योजना के जरिए ज्यादा ऋण उठाते हैं, तब ब्याज दर बढ़ती है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से बताते है।
किसानों को ब्याज कितना देना होगा?
अगर आप किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन उठाते है तो आपको कुल ब्याज दर लगभग 9% देनी होती है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना में आपको केंद्र सरकार की तरफ से लगभग 2% की सब्सिडी मिलती है। जिसके अलावा यदि आपको एक साल पूरा होने से पूर्व ऋण चुकाते हैं, तब आपको किसानों को लगभग 3 % की प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसी प्रकार इस लोन की ब्याज बहुत दर मात्र 4 % रहती है। जिसके लिए इसको देश में सबसे ज्यादा सस्ता लोन कहते है, जोकि भारत के किसानों को उपलब्ध किया जाता है।
टोटल 90 हजार किसानों को लोन देने टारगेट
इस योजना को सभी किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य है। बिहार के सहकारी बैंकों द्वारा साल 2024-25 में लगभग 90 हजार किसानों को यह कृषि लोन देने का टारगेट सेट किया गया है। सरकार ने बीते साल के मुकाबले में 10 हजार ज्यादा किसानों को KCC ऋण बाटने का उद्देश्य रख दिया गया है। और इन सभी किसान भाइयों को लगफग 270 करोड़ रुपये ऋण के रूप में दिए जायेंगे।
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किसानों की संख्या में प्रतिवर्ष 10 हजार की वृद्धि
आपको बता दे कि साथ ही साथ आने वाले तीन वर्षों में ऋण के लिए किसानों की संख्या में हर साल 10 हजार की बढ़ोत्तरी करने की योजना बनाई गयी है। आने वाले समय में लगफग पांच लाख किसानों को केसीसी ऋण वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन इन सब से पहले बिहार की सरकार ने पिछले साल के आखरी दिनों में कहा था कि वह दो लाख किसानों के सहकारी ऋण पर 90% का ब्याज माफ करेंगी।